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हरिद्वार: अलाव की व्यवस्था करने में नगर निगम नाकाम, ठंड से ठिठुर रहे राहगीर

धर्मनगरी में भीषण ठंड से लोग बेहाल हैं. शहर में ठंड को लेकर नगर निगम ने कोई खास व्यवस्था नहीं की है. नगर निगम द्वारा अलाव की व्यवस्था न करने से लोग ठंड से ठिठुरने को मजबूर हैं.

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Published : Dec 20, 2019, 10:22 AM IST

हरिद्वारः उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बर्फबारी के चलते राज्य के निचले इलाकों में भी ठंड का प्रकोप देखने को मिल रहा है. हरिद्वार में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है, लेकिन नगर निगम द्वारा अबतक शहर में कोई अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं, हरकी पौड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर जगह-जगह लोग कूड़ा और कपड़े जलाकर ठंड से आग सेंकते नजर आ रहे हैं.

अलाव की व्यवस्था करने में नगर निगम नाकाम.

हालांकि, जब इस बारे में नगर आयुक्त से सवाल जवाब किये गये तो नगर आयुक्त उदय सिंह राणा का कहना है कि बढ़ती ठंड के चलते जिला प्रशासन द्वारा 100 क्विंटल लकड़ियों की व्यवस्था की जा चुकी है. लोगों को ठंड से राहत पहुंचाने के लिए अलाव की व्यवस्था की जा रही है. बढ़ती ठंड के चलते लोगों के लिए एक मुसीबत खड़ी हो गई है जहां एक तरफ बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है तो लोगों के लिए ठंड से बचने के लिए भी नगर निगम द्वारा कोई व्यवस्था नहीं कराई गई.

अपने आस-पास के कूड़े को जलाकर ही लोग ठंड से बचने का काम कर रहे हैं. नागरिक ठंड से बचने के लिए गंगा से कपड़े निकालकर उन्हें जलाकर जहां शरीर को गर्म करते हुए ठंड से बचने का प्रयास कर रहे हैं वहीं कपड़ों के जलने से होने वाले प्रदूषण से ये लोग अनभिज्ञ हैं.

दूसरी और बात अगर रैन बसेरे की करें तो वहां भी कोई अलाव की खास सुविधा देखने को नहीं मिली है. यात्रियों की सुविधा के लिए जहां एक तरफ भारत स्काउड गाइड द्वारा गर्म कंबल, रजाई व साफ सफाई का इंतजाम किया गया है, तो वहीं नगर निगम की लापरवाही यहां भी देखने को मिली है.

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यहां ठहरने वाले यात्रियों के लिए कोई अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. रैन बसेरे के संचालक मनोज ठाकुर ने बताया कि यहां आ रहे यात्रियों के लिए रजाई का इंतजाम तो किया गया है लेकिन नगर निगम को बार-बार अलाव संबंध में सूचना दी जा चुकी है, लेकिन नगर निगम द्वारा कोई अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है.

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