हरिद्वार:धर्मनगरीहरिद्वार में सैकड़ों की संख्या में होटल और गेस्ट हाउस हैं, जो जीएसटी के दायरे में नहीं आते थे, लेकिन अब उन्हें भी जीएसटी में पंजीकरण करना अनिवार्य होगा. ऐसे में अब होटल व्यवसायियों को अब ₹1000 से नीचे के कमरों पर 12% जीएसटी देना होगा. जिससे व्यापारी काफी नाराज हैं. उधर, राज्य कर विभाग ने होटल कारोबारियों को जल्द से जल्द पंजीकरण कराने को कहा है. ऐसा नहीं कराने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, सरकार ने बीती 19 जुलाई 2022 से 1000 रुपए से नीचे के होटल के कमरों को भी जीएसटी के दायरे में ला दिया है. ऐसे में होटल संचालकों को इन कमरों पर 12% जीएसटी का भुगतान करना होगा. जिसे लेकर राज्य कर विभाग ने कमर कस ली है. इतना ही नहीं विभाग ने सभी होटल और गेस्ट हाउस संचालकों को जल्द से जल्द जीएसटी में पंजीकरण कराने को कहा है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर जीएसटी में पंजीकरण नहीं कराया तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. बकायदा इसके लिए होटलों का डाटा भी निकाला जा रहा है.
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होटल कारोबारियों में नाराजगीः वहीं, होटल कारोबारियों ने इसे महंगाई का बोझ बताते हुए केंद्र सरकार के इस फैसले को गलत बताया है. उनका कहना है कि पहले दो साल से कोरोना के कारण व्यापार ठप रहा. अब 1000 रुपए से नीचे के कमरों पर भी जीएसटी लगाया जा रहा है. जिसका दबाव ग्राहकों के साथ उनपर भी पड़ रहा है. उनकी मांग है कि व्यवस्था पहले की तरह चलने देना चाहिए. अन्यथा उन्हें होटल का कारोबार करना काफी मुश्किल हो जाएगा.
हरिद्वार के सभी होटल कारोबारी और गेस्ट हाउस संचालकों को जल्द से जल्द जीएसटी में पंजीकरण कराने को कहा गया है. इसके लिए सर्वेक्षण कराया जाएगा. जहां से होटल रजिस्टर्ड हैं, वहां से सूची निकाली जाएगी. जो जीएसटी में पंजीकरण नहीं कराएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके के लिए विशेष टीमों का गठन किया जाएगा. -अजय कुमार, ज्वाइंट कमिश्नर, राज्य कर विभाग.