हरिद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत मंत्रियों द्वारा गांवों को गोद लिया जाता है. उसी योजना के स्वरूप को अब हरिद्वार प्रशासन भी अपना रहा है. फर्क सिर्फ इतना है कि गांव के स्थान पर अब हरिद्वार के गंगा घाटों को गोद देने की कवायद की जा रही है. इन घाटों को हरिद्वार की धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं को गोद दिया जाएगा, जिसमें वह घाट की साफ-सफाई, सौंदर्यीकरण के साथ-साथ गंगा घाटों पर आमजन की सुरक्षा व्यवस्था की भी जिम्मेदारी उठाएंगे.
गंगा घाटों की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण के लिए इस योजना को 'मेरा निज घाट' योजना नाम दिया गया है. इसमें धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के साथ 5 साल का अनुबंध किया जाएगा. बता दें कि हरिद्वार में कुल 84 घाट हैं, जिसकी साफ सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है. इस पूरी प्रक्रिया में 40 लाख रुपए सालाना खर्च आता है, जिसका अनुबंध भी अब समाप्त हो गया है.
हरिद्वार के पूर्व डीएम रहे रविशंकर ने घाटों को गोद देने की ये योजना बनाई थी, लेकिन तब कोरोना काल के चलते ये पूरी नहीं हो सकी. अब हरिद्वार के वर्तमान जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने इस योजना को गंभीरता से लेते हुए हरिद्वार के तमाम घाटों को गोद देने का फैसला लिया है. इस पूरे कार्य के लिए एक कमेटी गठित की गई है, जिसमें हरिद्वार के सीडीओ प्रतीक जैन, मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती शामिल हैं. आवेदन हरिद्वार नगर निगम में स्वीकार किए जा रहे हैं. आवेदनों को देखते हुए किन संस्थाओं को कौन सा घाट को देना है इसकी व्यवस्था की जाएगी.
घाटों की सफाई व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती: धर्मनगरी हरिद्वार में घाटों की साफ-सफाई व्यवस्था हरिद्वार नगर निगम के लिए शुरू से ही सबसे बड़ी चुनौती रही है. आए दिन हरिद्वार में होने वाले धार्मिक मेलों और स्नान आदि के कारण हरिद्वार के घाटों की साफ-सफाई नगर निगम में कम संसाधन व मानव फोर्स की कमी होने कारण लगातार बनी रही है. आउटसोर्सिंग को भी इसका टेंडर दिया गया लेकिन उसके बावजूद भी इतना पैसा खर्च करने के बाद स्थिति में सुधार नहीं हो पाया.
- गंगा घाटों को गोद लेने के नियम: कोई भी एनजीओ, आश्रम, संस्था या फिर अखाड़ा गोद लिए घाट पर कोई भी टेंपरेरी कंस्ट्रक्शन का कार्य नहीं करा सकता है.
- घाट से जुड़ी कोई भी वस्तु या फिर परिसर किसी भी संस्था को बेचने का कोई अधिकार नहीं होगा.
- कोई भी संस्था किसी तरह का अतिक्रमण घाट के आसपास नहीं करा सकेगी.
- संस्थाओं द्वारा घाटों पर आमजन के स्नान करने के लिए चेन, हुक्स और चेंजिंग रूम के साथ-साथ बैठने के लिए साफ-सुथरी कुर्सियों की व्यवस्था करनी होगी.
- संस्था द्वारा घाट पर प्रातः कालीन और सांय कालीन गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा.
- संस्था द्वारा घाट पर आने वाले श्रद्धालु, यात्रियों व आमजन की सुरक्षा की भी व्यवस्था की जाएगी, जिसके लिए संस्था द्वारा घाट पर दो सिक्योरिटी गार्ड रखने अनिवार्य होंगे.
- घाट के नाम के साथ ही कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है.
इन संस्थाओं ने किया है गोद लेने के लिए आवेदन:
⦁ श्री स्वामीनारायण आश्रम मंदिर की ओर से पंतदीप घाट.
⦁ बाबा बंसी वाले अन्नपूर्णा आश्रम की ओर से पंतदीप पूर्वी घाट.
⦁ महंत प्रदीप सिंह संत आश्रम की ओर से प्रेम नगर के सामने वाला घाट.