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वसीम रिजवी को एक और झटका, हरिद्वार जिला न्यायालय से भी जमानत याचिका खारिज - वसीम रिजवी के विवादित बयान

हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जेल भेजे गए जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत याचिका खारिज हो गई है. ​इससे पहले बीती 15 जनवरी को सीजेएम हरिद्वार की अदालत में याचिका खारिज हुई थी. अब जिला न्यायालय ने भी खारिज कर दी है, ऐसे में रिजवी को बड़ा झटका लगा है.

Waseem Rizvi
वसीम रिजवी की जमानत खारिज

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Published : Jan 20, 2022, 8:03 PM IST

हरिद्वारः धर्म संसद विवादित बयान मामले में जेल गए जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. वसीम रिजवी को अभी जेल में ही रहना होगा. दरअसल, जिला न्यायालय हरिद्वार की अदालत ने वसीम रिजवी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. अब रिजवी के वकील सत्र हाईकोर्ट में अपील करेंगे.

गौर हो कि हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने और पैगंबर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में कुल 3 मुकदमे दर्ज हैं. एक मुकदमे में पुलिस आरोपी को 41 सीआरपीसी के तहत नोटिस भी जारी कर चुकी थी, लेकिन अपराध दोहराने पर एक दूसरे मुकदमे में बीते 13 जनवरी को नारसन बॉर्डर से वसीम रिजवी को गिरफ्तार कर लिया गया था.

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उधर, हरिद्वार में हुई धर्म संसद में मुस्लिम महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में जेल भेजे गए यति नरसिंहानंद की जमानत याचिका को भी 19 जनवरी यानी कल सीजेएम हरिद्वार की अदालत ने खारिज कर दी थी. स्वामी यति नरसिंहानंद हरिद्वार में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे. जिसके लिए वे एक और संत के साथ अनशन पर बैठे थे. उन्होंने अनशन खत्म कर सत्याग्रह शुरू किया था. जिसके बाद 15 जनवरी की रात को पुलिस ने स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी को धरनास्थल से उठाया. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.

बता दें यति नरसिंहानंद पर हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच के वीडियो वायरल होने पर लॉ की एक छात्रा रुचिका ने दर्ज करवाई थी. सोशल मीडिया में हरिद्वार धर्म संसद के वीडियो वायरल होने के बाद उनके साथ वसीम रिजवी पर मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में 13 जनवरी को वसीम रिजवी और जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को गिरफ्तार किया है. जबकि, वसीम रिजवी की जमानत याचिका15 जनवरी को सीजेएम हरिद्वार की अदालत में खारिज कर दी थी.

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जानें पूरा मामला:बता दें कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसमें एक विशेष समुदाय के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक बयान दिए गए थे. ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे. हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच का वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व सेना प्रमुखों, कार्यकर्ताओं और बहुत से अन्‍य लोगों ने विवादित भाषण की तीखे शब्‍दों में निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की थी.

तृणमूल कांग्रेस नेता और आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने इस मामले में आयोजकों आौर वक्‍ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसके बाद इन वायरल वीडियो के आधार व गुलबहार खान की तहरीर पर पुलिस ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ 23 दिसंबर को हरिद्वार शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया था.

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पुलिस ने जानकारी दी थी कि सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया है.

बाद में पुलिस ने वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर महामंडलेश्वर धरमदास परमानंद और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती के नाम भी केस दर्ज किया था. इसके बाद सागर सिंधु महाराज, यति नरसिंहानंद गिरि, आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण और प्रमोधानंद गिरि का नाम भी FIR में जोड़ा गया.

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