ऐतिहासिक कांग्रेस कार्यालय हुआ बंद हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में हरकी पैड़ी के पास सुभाष घाट पर स्थित ऐतिहासिक कांग्रेस कार्यालय को हरिद्वार सिविल जज जूनियर के आदेश पर आज खाली करा लिया गया है. इस कार्यालय को लेकर लंबे समय से कोर्ट में केस चल रहा था. पिछले दिनों कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कांग्रेस को हर महीने निश्चित किराया अदा करने के निर्देश दिए थे. किराया अदा न करने पर न्यायालय ने वादकारी शिव कुमारी के पक्ष में कार्यालय खाली कराने के आदेश दिए थे. जिसके बाद आज पुलिस फोर्स की मौजूदगी में कार्यालय खाली कराया गया है.
वहीं, इस कार्यालय के खाली होने से राजनीति भी गर्मायी हुई है. जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता मनोहर मुरली ने बताया कि कांग्रेस के पास यह कार्यालय आजादी के पहले से था. स्वाधीनता पूर्व कांग्रेस के तत्कालीन नेताओं ने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी को लेकर अनेक रणनीतियां बनाई थीं. यहां तक कि आजादी के अनेक आंदोलन इसी कार्यालय के बाहर से शुरू हुए थे. इस कार्यालय से कांग्रेस के कई यादें जुड़ी हुई थीं.
कांग्रेस नेता मनोहर मुरली कहते हैं कि जब निचली कोर्ट में मामला गया तो उन्होंने हाईकोर्ट जाने का भी मन बनाया था, लेकिन फिर निचली कोर्ट में ही 20 हजार रुपये किराया देने की बात हो गई थी. मनोहर मुरली ने बताया कि जिलाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी के पास मार्च में चार्ज आया तब से किराया जा रहा है. लेकिन दिसंबर, जनवरी और फरवरी का किराया जमा नहीं हुआ और इसी को मुद्दा बनाकर वादी पक्ष मार्च में फिर से कोर्ट गए और फिर ये फैसला हुआ है. फिलहाल कानूनी पक्ष को देखा जा रहा है. अगर कहीं और कार्यालय लेना पड़े तो उसपर भी विचार किया जा रहा है.
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वहीं, कांग्रेस नेता अमन गर्ग ने बताया कि कांग्रेस ने उच्च न्यायालय में इस कार्यालय को लेकर कागज लगाए थे, लेकिन बावजूद उसके कुछ असामाजिक तत्वों ने बिना बताए कार्यालय का ताला तोड़कर उसपर कब्जा करने का कार्य किया. इसकी शिकायत हरिद्वार नगर कोतवाली में की गई है. कांग्रेस नेता ने मांग की है कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की जाए कि किस तरह से असामाजिक तत्वों द्वारा इस पर कब्जा किया गया है.
इस मामले में हरिद्वार एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार से फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद आमीन हरिद्वार कोतवाली में सुरक्षा की दृष्टिगत आए थे, जिसके बाद उन्हें फोर्स मुहैया कराई गई थी. वो सुभाष घाट पर स्थित कब्जे को खाली करने के लिए फोर्स को लेकर गए थे.