हरिद्वारःहाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 के तहत सरकार ने नियम बनाए थे. नैनीताल होईकोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद डबराल के याचिका पर ही हाईकोर्ट ने तीरथ सरकार को महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना महामारी के तहत गाइडलाइन का पालन कराने के निर्देश दिए थे. इसी तरह सच्चिदानंद डबराल आम लोगों की हितों में कई याचिका दायर कर चुके हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उनका याचिका दायर करने का केवल एक मकसद रहता है कि हर शख्स को उसके नैतिक अधिकार मिले. अधिकार नहीं मिलने पर आम आदमी को लड़कर या छीनकर लेना चाहिए. हर आदमी को इसमें आगे आना चाहिए. जब तक आप अपनी लड़ाई खुद नहीं लड़ेंगे, कोई भी आपका साथ नहीं देगा.
इसलिए दायर करनी पड़ी याचिका
सच्चिदानंद डबराल बताते हैं कि 21 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 दिन का जनता कर्फ्यू पूरे भारत में लगाया था. जिसके बाद सभी राज्यों ने लॉकडाउन को बढ़ाया. सरकार द्वारा लॉकडाउन का फैसला जल्दबाजी में लिया गया, किसी तरह की किसी भी वर्ग के लिए लॉकडाउन में कोई व्यवस्था नहीं की गई. इतना ही नहीं, फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए सरकार ने कुछ नहीं सोचा.
जिसको देखते हुए मैंने अपने अधिवक्ता मित्र शिव भट्ट से सलाह ली. उन्होंने बताया कि आप अपनी बात हाईकोर्ट के माध्यम से सरकार तक पहुंचा सकते हैं. जिसके बाद मेरे द्वारा कोरोना काल में हो रही अव्यवस्थाओं को ठीक करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका डाली गई. मेरी इस याचिका के जरिए हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य अव्यवस्थाओं का संज्ञान लिया. अभी तक मेरी याचिका पर हाईकोर्ट की तरफ से 66 ऑर्डर आ चुके हैं.