हरिद्वार: सावन का महीना शुरू होते ही उत्तराखंड में कावड़ियों का आगमन भी शुरू हो जाता है. इस दौरान शिव भक्त कांवड़िये लाखों की संख्या में पैदल चलकर गंगा जल लेने हरिद्वार पहुंचते हैं और कंधों पर गंगा जल उठाए अपने गंतव्यों को वापस हो जाते हैं. हालांकि ये दौर कोरोना महामारी का चल रहा है. वहीं, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रदेश सरकार ने हरिद्वार में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है. गौरतलब है कि प्रदेश में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगाने के लिए 24 जुलाई से राज्य के सभी बॉर्डरों को सील किया जाएगा.
कांवड़ यात्रा रद्द होने के बाद उत्तराखंड के IG लॉ एंड ऑर्डर ने हरिद्वार के CCR टावर सभागार में कई राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक की थी. बैठक में कांवड़ यात्रा से संबंधित कई अहम मुद्दों पर क्रमवार चर्चा की गई. इस दौरान आदेशों का सख्ती से पालन कराने पर भी आत्ममंथन किया गया. वहीं, दूसरे राज्यों से आए पुलिस अधिकारियों ने भी उत्तराखंड पुलिस का कांवड़ यात्रा अवधि में पूर्ण सहयोग करने पर सहमति जताई.
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वहीं, हरिद्वार एसएसपी का कहना है कि कांवड़ यात्रा को प्रतिबंधित करने के लिए बाद जिला प्रशासन की ओर से पूरे क्षेत्र को 4 सुपर जोन और 17 सेक्टरों में बांटा जा रहा है. नारसन और भगवानपुर बॉर्डर पर पीएसी की दो कंपनी तैनात की गई हैं. बाकी जब फोर्स मिल जाएगी तो अन्य जगहों पर तैनाती की जाएंगी. हर की पैड़ी में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित करके किसी भी तरह की मूवमेंट की मॉनिटरिंग करेंगे.