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हरिद्वार में हरीश रावत का सफाई अभियान, पदयात्रा कर सरकार को घेरा - CM Pushkar Singh Dhami

आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत तैयारियों में जुटे हैं. हरीश रावत ने आज बाबा साहब आंबेडकर की मूर्ति पर पुष्प चढ़ा कर सफाई अभियान चलाया और पदयात्रा की.

Assembly Election 2022
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Published : Nov 16, 2021, 2:59 PM IST

हरिद्वार:उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने आज बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति पर पुष्प चढ़ा कर सफाई अभियान चलाया और पद यात्रा की. हरीश रावत ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ टिवड़ी से शंकर आश्रम तक पदयात्रा करके महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.

हरीश रावत का कहना है कि हम सफाई अभियान भी चला रहे हैं और साथ-साथ पदयात्रा करके जो कांग्रेस की परंपराएं उन परंपराओं को लेकर हम लोगों के पास अपने राजनीतिक संदेश को पहुंचा रहे हैं. राजनीतिक संदेश यह है कि देश में भी और राज्य में भी महंगाई चरम पर है और बेरोजगारी सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जा रही है. आमजन की परेशानी निरंतर बढ़ रही है उसके खिलाफ हम एक रचनात्मक भाव से तिरंगे झंडे को हाथ में लेकर अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं.

पूर्व सीएम हरीश रावत ने चलाया सफाई अभियान.

मुख्यमंत्री द्वारा इस्तीफा मांगे जाने पर हरीश रावत कहते हैं कि जो आंकड़े उनके मंत्री गिना रहे हैं, यह आंकड़े हमारे (कांग्रेस) हैं. उन पदों को भरने की प्रक्रिया हमारे समय में शुरू हुई थी. प्रक्रिया के तहत 3199 नंबर भी गिना देंगे तो हम उनको ओब्लाइज कर देंगे.

जेपी नड्डा के दौरे पर निशाना: जेपी नड्डा के उत्तराखंड दौरे को लेकर वे कहते हैं कि नड्डा हमारे पड़ोसी हैं. नड्डा यहां अड्डा बनाकर रहे, लेकिन रह नहीं रहे है. ऐसे में भाजपा का सफाया निश्चित है. उन्होंने कहा कि हम धर्म परायण व्यक्ति हैं और हर धर्म को प्रणाम करते हैं. अपने धर्म में हमारी पूरी आस्था है, मुझे भाजपा को सफाई देने की जरूरत नहीं है.

पढ़ें- मिशन 2022: गढ़वाल से ज्यादा कुमाऊं पर BJP का फोकस, आखिर इस क्षेत्र पर खास नजर क्यों?

हरीश रावत ने कहा कि भाजपा धर्म को खटास के लिए इस्तेमाल करती है. समाज में खटास पैदा करने के लिए वोट की राजनीति के लिए हम धर्म को अपनी व्यक्तिगत आस्था और ईश्वर के साथ अपने तारतम्य को स्थापित करने के लिए करते हैं. हमारा और उनका मकसद अलग-अलग है. उनका मकसद समाज में द्वेष फैलाना है और हमारा मकसद सौहार्द के जरिए अपने धर्म पताका को ऊंचा उठाना.

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