हरिद्वार:गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले पर किसान आंदोलन की आड़ में असामाजिक तत्वों द्वारा फहराए गए अपने ध्वज की घटना को लेकर हरिद्वार के साधु संतों में रोष है. तो वहीं, हरिद्वार पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी इस घटना को लेकर केंद्र सरकार की पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उन्होंने सरकार को उकसावे की बातें छोड़कर किसानों का मसला हल करने की सलाह दी है.
लाल किले पर झंडा फहराये जाने से आहत हरदा हरीश रावत का कहना है कि यह बात अब साफ समझ आ रही है कि वे कौन लोग थे. मामले में सत्ता से जुड़े बड़े नेता सफाई देते नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उकसावे की राजनीति छोड़कर किसानों के साथ बैठककर मसला सुलझाना चाहिए. हरीश रावत ने कहा कि जब किसान कर रहे हैं कि नए कृषि कानून से उनकी बर्बादी होगी, तो सरकार को कानून रद्द कर देने चाहिए, लेकिन इस मामले में सरकार हठधर्मिता कर रही है.
हरीश रावत ने कहा कि दीप सिंह सिद्धू के लिए सनी देओल सफाई दी रहे हैं. अराजक तत्वों को अवसर मिलने से पहले सरकार को अपना रवैया लचीला बनाना चाहिए, बीजेपी सरकार को आंदोलन से भटकाने के लिए किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए और अपनी विफलता छुपाने के लिए उपयोग करना चाहती है. दिल्ली पुलिस द्वारा लाल किले पर कूच कर रहे किसानों को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया. पुलिस केवल मूकदर्शक बनी रही, जो कुछ हुआ है वह दुर्भाग्यपूर्ण है.
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वहीं, इस घटना को लेकर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि भी काफी दुःखी नजर आए. उनका कहना है कि भारत और राष्ट्र के लिए यह दुर्भाग्य पूर्ण घटना है. सबसे ऊपर राष्ट्र होता है. राष्ट्रीय ध्वज को उतरा जाना हमारी परंपराओं के खिलाफ है. इस घटना को लेकर वो आहत हैं.