हरिद्वार: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज हरिद्वार पहुंचकर किसान घाट पर गंगा किनारे एक घंटे की मौन साधना की. रावत की मौन साधना में उनके साथ कांग्रेसी कार्यकर्ता भी शामिल हुए. मौन साधना पूरी होने के बाद हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर कुंभ क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये कहा कि एक राष्ट्रीय पर्व को लेकर जो गंभीरता दिखाई जानी थी, वो सरकार नहीं दिखा रही है. साथ ही हरदा ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है.
उन्होंने कहा कि 2016 के अर्धकुंभ के काम आज भी दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कुंभ के नाम पर साफ सफाई और रंग पुताई के अलावा यहां से लेकर देवप्रयाग तक कोई भी कार्य नजर नहीं आ रहा है. यह उपेक्षा तो राज्य सरकार द्वारा की जा रही है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा भी कुंभ की घोर उपेक्षा की जा रही है. अगर हम प्रयागराज और उज्जैन कुंभ की बात करें तो केंद्र सरकार ने वहां की राज्य सरकारों को बहुत मोटा कुंभ बजट दिया था, लेकिन हरिद्वार के कुंभ को काफी कम बजट दिया गया है.
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हरिद्वार कुंभ मेले को केंद्र सरकार बहुत हल्के में ले रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उनकी साधना को 'पापों का प्रायश्चित' बताए जाने पर पलटवार करते हुए हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने अपने पापों का प्रायश्चित उस दिन कर लिया जिस दिन 'कानों में तेल डालकर सोयी' हुई प्रदेश की सरकार को जगाने का काम किया.
स्कैप चैनल आदेश पलटवाने का लिया श्रेय