हरिद्वारःवन महकमा भले ही पेड़ों के कटान को रोकने के लिए बड़े-बड़े दावे करता हो, लेकिन हकीकत उलटी ही नजर आ रही है. आलम ये है कि वन तस्कर लगातार बेशकीमती पेड़ों पर आरियां चला रहे हैं. ऐसा ही एक मामला हरिद्वार से सामने आ रहा है. यहां एक वाहन में बेशकीमती खैर की लकड़ी तस्करी कर ले जाई जा रही थी. जिसे वन विभाग की टीम ने पकड़ तो लिया, लेकिन आरोपियों को नहीं दबोच पाई.
दरअसल, गुरुवार देर शाम वन विभाग की टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि बिशनपुर क्षेत्र में खैर की लकड़ी की तस्करी की जा रही है. साथ ही बताया कि तस्कर लकड़ी लेकर इसी इलाके से गुजरेंगे. इस सूचना के आधार पर टीम ने घेराबंदी कर एक वाहन को पकड़ा. वाहन में लाखों रुपए की खैर की लकड़ी लदी हुई थी. लकड़ी जंगल से काटकर सप्लाई के लिए ले जाई जा रही थी, लेकिन आरोपी वाहन को छोड़कर फरार होने में कामयाब हो गए.
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बताया जा रहा है कि लकड़ी ज्वालापुर क्षेत्र में ले जाई जानी थी. वन प्रभाग की टीम ने बिशनपुर, कुंडी समेत आस पास के जंगल में कॉम्बिंग कर उनकी तलाश की, लेकिन कोई भी तस्कर टीम के हाथ नहीं लगा. अब यह पता लगाया जा रहा है कि लकड़ी जंगल में कहां से काटकर ले जाई जा रही थी?
तस्कर पेड़ों पर चलाते आ रहे आरियांःबता दें कि पथरी के जंगल व बिशनपुर के नजदीक गंगा पार खैर के कीमती पेड़ खड़े हैं. इन्हें वन तस्कर अपना निशाना बनाते रहते हैं. इससे पहले भी वन तस्करों ने गंगा पार खड़े खैर के कीमती पेड़ों को काटकर ठिकाने लगाया था. जब पेड़ काटे जा चुके थे, तब जाकर वन महकमा जागा था.
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फिलहाल, वन प्रभाग की टीम फरार आरोपियों की तलाश और खैर के पेड़ किस स्थान से काटे गए? इसकी जानकारी जुटा रही है. साथ ही फरार तस्कर और उनके साथियों के ठिकानों की जानकारी भी ली जा रही है. वन क्षेत्राधिकारी दिनेश नोडियाल ने बताया की जल्द ही फरार आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा. पेड़ किसने काटे? इसकी भी काफी हद तक जानकारी मिल चुकी है.