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कुंभ मेले में गजराज की 'एंट्री' रोकेगा वन विभाग, कर रहा खास इंतजाम - हरिद्वार कुंभ मेले में जंगली हाथी

हरिद्वार कुंभ को शुरू होने में अब गिनती के दिन रह गए हैं. राजाजी टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा मेला क्षेत्र में आता है. इसलिए जंगली हाथियों पर नकेल कसने के लिए वन विभाग ने खास तैयारी की है.

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Published : Dec 9, 2020, 9:16 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 9:40 PM IST

हरिद्वारः महाकुंभ मेला शुरू होने में अब गिनती के दिन रह गए हैं. ऐसे में मेला प्रशासन द्वारा तैयारियां दुरुस्त की जा रही हैं. हरिद्वार का काफी क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है और इस कारण हमेशा ही यहां पर जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है. खासकर हाथियों का झुंड वन प्रभाग के लिए कई बार मुसीबत खड़ी कर चुका है. ऐसे में कुंभ मेले के वक्त जनहानि न हो, इसके लिए भी वन विभाग और मेला प्रशासन खास इंतेजाम कर रहा है. वहीं, अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह ने अखाड़ों के साधु संतों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को जाना.

कुंभ मेले में गजराज की 'एंट्री' रोकेगा वन विभाग

कुंभ मेला क्षेत्र के हिस्से राजाजी टाइगर रिजर्व पर आए दिन जंगली हाथियों के उत्पात की घटनाएं सामने आती रहती हैं. इसे लेकर वन प्रभाग द्वारा कुंभ मेले से पहले तमाम तरह की तैयारियां की जा रही हैं. हाथी रोधक दीवारें भी वन प्रभाग द्वारा बनाई जा रही है और क्षेत्र में सोलर फेंसिंग भी लगाई जा रही है.

साथ ही वन प्रभाग की कई टीमें भी बनाई गई हैं, जो लगातार पेट्रोलिंग कर रही हैं. कई जंगली हाथियों को कॉलर किया गया है. जिससे उनके आने जाने की जानकारी मिलती रहे. वन प्रभाग द्वारा कई नई चौकियां भी बनाई गई है, जो पार्क में रहने वाले कर्मचारियों के संपर्क में रहेंगी और हाथियों के मूवमेंट का अपडेट लेती रहेंगी.

रेंजर दिनेश नौडियाल का कहना है कि जंगली हाथियों को रोकने के लिए हमारे द्वारा पालतू हाथियों की भी मदद ली जाएगी, क्योंकि कई क्षेत्र ऐसे होते हैं, जहां पर गाड़ियां नहीं जा सकती. ऐसे क्षेत्रों में वन विभाग हाथियों की सहायता लेते हैं. पालतू हाथी हमेशा ही पार्क में गश्त के दौरान महत्वपूर्ण होता है, पालतू हाथियों द्वारा पहले भी जंगली हाथियों को ट्रैकलाइज करने के लिए मदद ली गई है, जो कारगार भी साबित हुआ है.

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कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत का कहना है कि कुंभ मेला वन विभाग की जमीन पर इस्तेमाल किया जाता है, जहां पार्किंग या किसी भी प्रकार के कैंप लगाने होते हैं. मेले के वक्त इस तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है कि जंगली हाथी लोगों को नुकसान न पहुंचाए. इसके लिए वन विभाग पालतू हाथियों की मदद ले रहा है. ये वन विभाग की अच्छी पहल है. इस क्षेत्र में कई कैमरे भी लगाए जाएंगे, जो हाथियों के आने की सूचना तत्काल कंट्रोल रूम को देगी, ताकि समय रहते इंतेजाम किए जा सकें.

अखाड़ों के साधु-संतों से मुलाकात करते अपर कुंभ मेला अधिकारी हरवीर सिंह.

अखाड़ों की समस्याओं को लेकर हरकत में आया प्रशासन

एक दिन पहले कुम्भ मेलाधिकारी दीपक रावत ने सभी अखाड़ों के साधु-संतों से मुलाकात करके उनकी समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद कुंभ मेला प्रशासन हरकत में आ गया है. आज अपर कुम्भ मेलाधिकारी हरवीर सिंह कई अधिकारियों के साथ कनखल स्थित नया अखाड़ा उदासीन पहुंचे और अखाड़े के साधु-संतों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना.

इस दौरान उन्होंने अखाड़े में राज्य सरकार द्वारा कुम्भ मेले के लिए करवाए जा रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया. अखाड़े के साधु-संत कुम्भ मेला प्रशासन द्वारा करवाए जा रहे अभी तक के सभी कार्यो से संतुष्ट नजर आए. नया उदासीन अखाड़े के महंत भगतराम जी ने सरकार द्वारा सभी अखाड़ो में निर्माण कर करवाने के फैसले का स्वागत किया है.

अखाड़ों में चल रहे कार्यों पर खुशी जताते हुए महंत भगतराम जी ने बताया कि कुंभ के दौरान अखाड़ों में आने वाले भक्तों को काफी सुविधाएं मिलेंगी. वहीं, अपर कुम्भ मेलाधिकारी हरवीर सिंह ने कहा कि जितने भी अखाड़ों में कुम्भ मेले के तहत स्थायी निर्माण कार्य चल रहे हैं, कुम्भ मेला शुरू होने से पहले ही सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे.

साथ ही अखाड़ो में हो रहे कार्यों में यदि किसी तरह की समस्या आती है तो मेला अधिकारी द्वारा हर क्षेत्र में जोनल ऑफिसर भी नियुक्त किए गए हैं, जो अखाड़ों से वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे.

Last Updated : Dec 9, 2020, 9:40 PM IST

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