हरिद्वार: कोरोना संक्रमण का मामला विदेशों के साथ साथ भारत में भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. वहीं, अब इसका असर हरिद्वार में फूलों की खेती करने वाले किसान पर भी पड़ रहा है. इस समय शादियों का सीजन चलता था और नवरात्रि के चलते फूलों की भारी मात्रा में बिक्री होती थी, लेकिन फूलों की मंडी ना खुलने की वजह से किसानों को अपने फूलों को कूड़े में डालना पड़ रहा है. जिससे किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है.
वहीं किसानों ने मांग की है कि जिस तरह से गन्ना, गेहूं और अन्य फसलों के नुकसान पर सरकार मुआवजा देती है. इसी तरह फूलों की खेती करने वाले किसानों को भी इस वक्त मुआवजे की दरकार है. क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट मंडराने लगा है.
कोरोना वायरस की सबसे ज्यादा मार हरिद्वार में फूलों की खेती करने वाले किसानों पर पड़ी है. एक किसान डेढ़ बीघा से लेकर तीन बीघा जमीन पर फूलों की खेती का प्लांट लगाता है और उसमें फूलों की खेती करता है. कई किसान फूलों की खेती से 2 से 3 साल में 5 से 6 लाख रुपए का मुनाफा कमाते हैं. मगर कोरोना वायरस की वजह से इनको 2 महीने में काफी नुकसान हुआ है. अगर नुकसान का अनुमान लगाया जाए तो लगभग 2 से 3 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. क्योंकि अभी शादी का सीजन और नवरात्रों की वजह से फूलों की डिमांड बढ़ जाती थी. इसके साथ ही आने वाले समय में इन किसानों को तकरीबन चार लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है. इस सीजन में दिसंबर, जनवरी, फरवरी तक किसानों की फूलों की खेती हुई. मगर उसके बाद से किसानों के फूल मार्केट में नहीं जा पा रहे हैं. जिससे फूलों की खेती करने वाले किसान अब रोजी-रोटी को भी मोहताज होने लगे हैं.