लक्सर: भारतीय किसान यूनियन पटेल एवं भारतीय किसान यूनियन रोड के पदाधिकारियों ने हरिद्वार जिले की लक्सर तहसील मुख्यालय पर सांकेतिक धरना दिया. प्रदर्शनकारियों ने जहां एक तरफ राज्य सरकार पर किसान विरोध होने के आरोप लगाया तो वहीं, तहसील प्रशासन के अधिकारियों पर भी किसानों की शिकायत न सुनने का आरोप भी लगाया है.
भारतीय किसान यूनियन पटेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी कीरत सिंह एवं भारतीय किसान यूनियन रोड के राष्ट्रीय अध्यक्ष पदम सिंह रोड के नेतृत्व में लगभग सैकड़ों किसान जुलूस प्रदर्शन के रूप में मिल गेट से बालावाली तिराहा रायसी रोड होते हुए तहसील मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार किसान विरोधी सरकार बताया.
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उनका कहना था कि तहसील मुख्यालय के अधिकारी कर्मचारी भी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, तो वहीं ऊर्जा निगम के अधिकारी भी मनमानी कर रहे हैं. उनकी मांग है कि दूसरे राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी किसानों के नलकूप के बिलों को माफ किया जाए. साथ ही उन्होंने मीटर जांच हेतु लक्सर में लैब का प्रावधान होने की बात भी कही.
इसके अलावा बिजली बिलों पर लगे सरचार्ज को माफ करने की मांग भी की. वहीं, किसानों का कहना है कि उन्हें अपने खेत में खड़े पेड़ों को काटने की अनुमति दी जाए. यदि कोई किसान अपने खेत से मिट्टी का उठान करता है तो उसे तहसील प्रशासन परेशान करता है.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लक्सर में किसानों का सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारी किसानों की मदद करने के बजाय उन्हें परेशान कर रहे हैं. पिछले काफी समय से उर्वरक की कमी हो रही है. बारिश के कारण किसानों की जो फसल बर्बाद हुई, उसका मुआवजा भी किसानों को नहीं दिया जा रहा है.
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किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए एसडीएम ने उनसे वार्ता की. इस दौरान गन्ना विभाग से गन्ना विकास समिति के विशेष सचिव सूरजभान सिंह, ऊर्जा निगम सीएसडीओ अमीचंद, पुलिस विभाग से एसएसआई अंकुर शर्मा एवं डिप्टी रेंजर जाती राम के साथ लगभग आधा घंटा वार्ता की गई.
इस दौरान उपजिलाधिकारी गोपालराम बिनवाल ने सभी विभागों के अधिकारियों को किसानों की समस्या को प्रमुखता के साथ हल करने और किसानों को बेवजह परेशान ना करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि किसान अगर अपना कोई भी कार्य लेकर किसी भी विभाग में जाता है, तो उसे प्राथमिकता देनी चाहिए.