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किसान संगठनों की मांग- सरकार बढ़ाए फसलों के दाम, बोले- MLA का मानदेय तो भारी-भरकम है - उत्तराखंड किसान मोर्चा

सूबे में विधायकों का वेतन 3 लाख 50 हजार से ज्यादा है. इससे किसान संगठन गुस्से में हैं. उनका साफ कहना है कि विधायकों का वेतन तो भारी-भरकम है. उसी तरह किसानों की फसल के दाम भी बढ़ाए जाने चाहिए.

farmer demand increase crop price
विधायकों का मानदेय बढ़ाने पर गुस्से में किसान

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Published : Apr 11, 2022, 4:56 PM IST

हरिद्वार: किसान संगठनों ने फसलों के दाम बढ़ाने की मांग की है. किसान संगठन के नेताओं का कहना है कि विधायकों को पेंशन नहीं मिलनी चाहिए. अगर दी भी जाए तो केवल एक पेंशन ही दी जाए. उन्होंने कहा कि गरीब आदमी को मिलने वाली पेंशन को बढ़ा कर 5 हजार किया जाए और पंजाब की तर्ज पर 300 यूनिट तक बिजली फ्री दी जाए.

विधायकों के वेतन जिस तरह से बढ़े हैं, उसी तरह किसानों की फसल के दाम भी बढ़ाए जाने चाहिए. साथ ही सब्सिडी दी जानी चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं होती तो प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा. जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा. भारतीय किसान यूनियन टिकैत के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी का कहना है कि प्रदेश में नई सरकार बनी है. उन्हें उम्मीद है कि सरकार किसानों की बात सुनेगी.

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चौधरी ने कहा कि नेता गरीब जनता का वोट लेकर विधानसभा पहुंचते हैं तो गरीब की बात करनी चाहिए. जिन्हें ₹1000 पेंशन मिल रही है, उसे 5000 दिया जाना चाहिए, लेकिन जिन्हें ₹1,60,000 मिल रहे हैं, उनका बढ़ाकर ₹3,50,000 कर दिया गया है, क्या यह न्याय हित में है.

वहीं, उत्तराखंड किसान मोर्चा के अध्यक्ष गुलशन का कहना है कि एक तरफ सरकार अधिकारियों, कर्मचारियों व पुलिस कर्मियों की पेंशन खत्म कर रही है, वहीं विधायकों को कई तरह की पेंशन दे रही है. उन्होंने मांग की है कि विधायक चाहे एक बार का हो या दस बार का, उसे पेंशन नहीं मिलनी चाहिए.

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विधायक जनसेवा का काम करने की बात कर विधानसभा पहुंचते हैं, लेकिन अपने चुनाव में करोड़ों रुपया खर्चा करते हैं तो उन्हें कोई पैसा नहीं दिया जाना चाहिए. अगर पेंशन दी भी जाती है तो केवल एक ही बार की पेंशन मिलनी चाहिए, चाहे वो कितनी ही बार के विधायक क्यों न हो.

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