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स्ट्रॉबेरी की खेती करके रुड़की के ये किसान कमा रहे हैं लाखों

मंगलौर में किसानों ने कठिन परिश्रम और नई सोच के सहारे कृषि को उन्नत करने का शानदार प्रयास किया है. यही कारण है कि मंगलौर के किसान अब रवायती खेती के साथ विदेशी फल और सब्जियों की भी पैदावर कर रहे हैं. जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है. स्ट्रॉबेरी मतलब मुनाफे वाली फसल, आप भी कर सकतें हैं इसकी खेती, जानिए कैसे

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Published : Mar 7, 2020, 9:52 PM IST

रूड़की
रूड़की

रुड़की: भारत में रवायती खेती का रुझान बहुत ज्यादा है. लेकिन रवायती खेती से किसानों को मेहनत के मुताबिक मुनाफा नहीं मिल रहा है. ऐसे में किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए रवायती खेती के साथ-साथ स्ट्रॉबेरी की खेती को तरजीह दे रहे हैं.

समय और जरूरत के मुताबिक किसान भी अब रवायती खेती के साथ-साथ अन्य विदेशी फल-सब्जियां उगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. रुड़की में काफी किसान इन दिनों स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. जिससे न सिर्फ उनकी आमदनी बढ़ रही है, बल्कि वे खेती के नए-नए तरीके भी सीख रहे हैं.

रुड़की में उगाई जा रही है स्ट्रॉबेरी

अभी तक ऐसा कहा जाता कि स्ट्रॉबेरी की पैदावार सिर्फ ठंडे प्रदेशों या विदेशों में ही संभव है. लेकिन अब अपेक्षाकृत गर्म प्रदेशों में भी इसकी पैदावार हो रही है. एक एकड़ की फसल में किसान पांच से छह लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं. कम भूमि वाले किसानों के लिए स्ट्रॉबेरी की खेती एक अच्छा विकल्प है. इसके जरिए किसान आसानी से कम लागत में अधिक उत्पादन हासिल कर मुनाफा कमा सकते हैं.

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यही कारण है कि रुड़की के मंगलौर में कई किसान इस समय स्ट्रॉबेरी की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. लेकिन इस बार सर्दियों में बरसात होने के कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है.

स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि विदेशी स्ट्रॉबेरी और देशी स्ट्रॉबेरी में काफी अंतर है. यहां की स्ट्रॉबेरी साइज में बड़ी होने के के साथ रंगदार भी है. इसके अलावा देसी स्ट्रॉबेरी ज्यादा स्वादिष्ट है.

उत्तराखंड में स्ट्रॉबेरी की डिमांड को देखते हुए रुड़की में काफी किसान इसकी खेती कर रहे हैं. स्ट्रॉबेरी का इस्तेमाल आइसक्रीम में भी किया जाता है. हालांकि जरूरत से ज्यादा बारिश ने इस बार अन्य खेती के साथ-साथ स्ट्रॉबेरी की खेती को भी नुकसान पहुंचाया है.

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