हरिद्वार:सदी के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ को लेकर सरकार और मेला प्रशासन दावा कर रहे हैं कि हरिद्वार पूरी तरह से तैयार है. हरिद्वार में कुंभ को लेकर के पूरे क्षेत्र को सजाया और संवारा जा रहा है. सबसे ज्यादा फोकस अगर कहीं है तो वह है हरकी पैड़ी पर. हरकी पौड़ी पर सीएसआर के तहत करोड़ों रुपए का कार्य किया जा रहा है, जिसमें बड़ी वॉल एलईडी टीवी, फर्श पर शानदार पत्थर, बड़ी-बड़ी लाइट मंदिरों में रंग-रोगन किया जा रहा है.
लगता है बिजली विभाग या मेला प्रशासन हरकी पैड़ी पर लटक रहे बिजली के तारों और तमाम दूसरी इलेक्ट्रिकल तार हटाना भूल गया है. आलम यह है कि आते जाते लोगों के सिर पर यह तार अब लग रहे हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि कुंभ भले ही 1 महीने का हो गया हो लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ अन्य स्थानों से हरकी पौड़ी पर पहुंच रही है. ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ?
शहर में भूमिगत किए जा रहे हैं बिजली के तार
हरिद्वार उत्तराखंड का पहला शहर होगा जहां पर बिजली के तारों को भूमिगत बिजली किया जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक यह कार्य 50 फीसदी अबतक पूरा हो चुका है. हरिद्वार की तमाम जगहों पर हवा में झूलते तारों को जमीन के अंदर डालने की प्रक्रिया पहले से चल रही है. हालांकि, यूपीसीएल का कहना था कि इस कार्य को कुंभ से पहले पूरा कर दिया जाएगा. लेकिन अभी भी शहर में जहां-तहां तारें लटकी दिखाई दे रही हैं. इस कार्य के लिए 388 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है. कुंभ जैसे बड़े आयोजन के साथ-साथ हरिद्वार को सुंदर बनाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने यह पहल की थी.
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