मसूरी/रुड़की/कोटद्वार/लक्सर: ईद उल जुहा का त्योहार आज पूरे प्रदेश में मनाया गया. यह त्योहार कुर्बानी के रूप में मनाया जाता है. सुबह से ही पूरे प्रदेश में ईदगाहों और मस्जिदों में सैकड़ों लोगों ने नमाज पढ़ी. साथ ही एक दूसरे को बधाई देते हुए भाईचारे का संदेश भी दिया. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गये थे.
हजारों नमाजियों ने मस्जिद में मांगी दुआएं मसूरी
मसूरी में बकरीद का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर मस्जिदों में ईद की नमाज पढ़ी गई. साथ ही गले मिलकर एक दूसरे को बधाई भी दी गई. मसूरी के विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संस्था के लोगों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को ईद की मुबारकबाद दी. साथ ही बताया गया कि यहां लोग एक दूसरे का त्योहार आपसी भाईचारे के साथ मनाते हैं.
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रुड़की
शहर व आसपास के ग्रामीण इलाकों में ईद उल जुहा की नमाज अदा की गई. शहर की प्रमुख जामा मस्जिद के अलावा मदरसा इरफान उल उलूम स्थित मस्जिदों में बड़ी संख्या में नमाज अदा कर देश और प्रदेश की खुशहाली की दुआएं मांगी गईं. जामा मस्जिद रुड़की में ईद उल जुहा की नमाज से पहले अपने बयान में मौलाना मजहरुल हक ने कुर्बानी की विशेषता पर बोलते हुए कहा कि कुर्बानी करते समय सभी साफ-सफाई का ख्याल रखें और शहर में या कुर्बानी की जगह गंदगी ना फैलाएं.
कोटद्वार
कोटद्वार के सिद्धबली मार्ग पर स्थित ईदगाह सहित कई मस्जिदों में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद की नमाज अदा की. जिसके बाद अपने-अपने घरों में बकरों की कुर्बानी का सिलसिला शुरू हुआ. प्रशासन ने ईद के त्योहार को लेकर पहले से ही पूरी तैयारी कर ली थी. ईदगाह से लेकर शहर की तमाम मस्जिदों पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गये थे. ईद की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हुई.
लक्सर
लक्सर में सुबह से ही मौसम खराब है, बावजूद इसके ईद उल जुहा का त्योहार बड़ी ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. सभी बड़े-बुजुर्गो और बच्चों ने एक दूसरे को गले लगकर बधाइयां दी. ईद उल जुहा की नमाज के बाद जामा मस्जिद के इमाम साहब ने कहा कि आज मुसलमानों के लिए खुशी का दिन है. उन्होंने कहा कि कुर्बानी का गोश्त एहतियात और पर्दे के साथ लाएं. जिससे गैर मुस्लिम भाई को भी परेशानी ना हो. उस गोश्त के तीन हिस्से करें एक कुदरत के नाम, एक दोस्त के नाम और तीसरे हिस्से को गरीबों में बांटे.