हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ चल रहा है. लेकिन हरिद्वार कोरोना का एपिसेंटर बनने की कगार पर पहुंच गया है. क्योंकि, अब हालत बेहद चिंताजनक होते जा रहे हैं. कोरोना के आंकड़े और जमीनी हकीकत बेहद डरावनी होती जा रही है. आलम ये है कि अब अखाड़ों में संत समाज भी लगातार कोरोना की चपेट में आ रहे हैं.
ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मी और श्रद्धालु भी पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं नरेंद्र गिरी के बाद अब सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई लोग भी संक्रमित हो गए हैं. जूना अखाड़ा में लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीम न केवल साधु-संतों का चेकअप कर रही है, बल्कि तबीयत खराब होने पर रेफर भी कर रही है. इसके बावजूद भी केस बढ़ रहे हैं. जो चिंता का विषय बनता जा रहा है.
बता दें कि हरिद्वार महाकुंभ में इस बार प्रशासन की सख्ती और कोरोना गाइडलाइन की वजह से बेहद कम श्रद्धाल पहुंच रहे हैं. लेकिन कोरोना के आंकड़े लगातार डरा रहे हैं. अखाड़ों के संत भी लगातार इसकी चपेट में हैं. वो बात अलग है कि कुछ बातों को प्रशासन और सरकार, संत-समाज की ओर से सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है. जूना अखाड़ा में कैंप कर रहे एक प्राइवेट डॉक्टर की मानें तो उनके पास रोजाना 900 से 1500 मरीज आ रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा मरीज नागा संन्यासी और साधु समाज के अन्य पदाधिकारी हैं. जिन्हें खांसी, जुकाम, बुखार जैसी अन्य समस्याएं लगातार बढ़ रही है.
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संत समाज में बीमार संतों की बढ़ रही संख्या
सरकार की लाख पाबंदियों के बाद भी कोरोनावायरस पैर पसारता जा रहा है. बीते 12 अप्रैल को हुए शाही स्नान के दौरान पॉजिटिव की संख्या 409 थी. जिसमें अब तक कई संत समाज के लोग भी इसकी चपेट में आ गए हैं. कोरोना के हालात का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने जूना अखाड़ा का रुख किया. जहां पर हमने पाया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार जूना अखाड़ा के संतों की जांच कर रही है. दो से तीन एंबुलेंस लगातार साधु समाज के अखाड़ों के आसपास लगाई गई हैं. जैसे ही किसी साधु-संत की तबीयत खराब होती है, वैसे ही उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है.
कल शाम यानी 13 अप्रैल को भी यही हालत थे. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक साधु-संतों में वायरस संक्रमित की संख्या करीब 12 बताई जा रही है. जबकि जूना अखाड़ा में तैनात प्राइवेट डॉक्टर पवन गुप्ता बताते हैं कि साधु संतों की तबीयत लगातार खराब हो रही है और उनके पास ऐसे साधु-संतों की संख्या अधिक है, जिन्हें खांसी जुकाम, बुखार की समस्या हो रही है. डॉ. गुप्ता जो बीमार संतों का आंकड़ा बता रहे हैं वो रोजाना करीबन 900 से 1500 के बीच है. उनका कहना है कि हो सकता है कि ये मौसम की वजह से भी हो.