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कहीं कुंभ ना बन जाए कोरोना का एपिसेंटर! हालात हो सकते हैं बेकाबू - हरिद्वार में साधु संत कोरोना पॉजिटिव

हरिद्वार में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. साधु-संतों से लेकर पुलिसकर्मी और श्रद्धालु कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. जिस तरह से भीड़ यहां उमड़ रही है, ऐसे में माना जा रहा है कि कहीं महाकुंभ कोरोना का एपिसेंटर न बन जाए.

coronavirus epicenter
कोरोना एपिसेंटर

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Published : Apr 14, 2021, 1:19 PM IST

Updated : Apr 14, 2021, 3:36 PM IST

हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ चल रहा है. लेकिन हरिद्वार कोरोना का एपिसेंटर बनने की कगार पर पहुंच गया है. क्योंकि, अब हालत बेहद चिंताजनक होते जा रहे हैं. कोरोना के आंकड़े और जमीनी हकीकत बेहद डरावनी होती जा रही है. आलम ये है कि अब अखाड़ों में संत समाज भी लगातार कोरोना की चपेट में आ रहे हैं.

कहीं कुंभ ना बन जाए कोरोना का एपिसेंटर!

ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मी और श्रद्धालु भी पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं नरेंद्र गिरी के बाद अब सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई लोग भी संक्रमित हो गए हैं. जूना अखाड़ा में लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीम न केवल साधु-संतों का चेकअप कर रही है, बल्कि तबीयत खराब होने पर रेफर भी कर रही है. इसके बावजूद भी केस बढ़ रहे हैं. जो चिंता का विषय बनता जा रहा है.

हरिद्वार में कोरोना केस.

बता दें कि हरिद्वार महाकुंभ में इस बार प्रशासन की सख्ती और कोरोना गाइडलाइन की वजह से बेहद कम श्रद्धाल पहुंच रहे हैं. लेकिन कोरोना के आंकड़े लगातार डरा रहे हैं. अखाड़ों के संत भी लगातार इसकी चपेट में हैं. वो बात अलग है कि कुछ बातों को प्रशासन और सरकार, संत-समाज की ओर से सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है. जूना अखाड़ा में कैंप कर रहे एक प्राइवेट डॉक्टर की मानें तो उनके पास रोजाना 900 से 1500 मरीज आ रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा मरीज नागा संन्यासी और साधु समाज के अन्य पदाधिकारी हैं. जिन्हें खांसी, जुकाम, बुखार जैसी अन्य समस्याएं लगातार बढ़ रही है.

उत्तराखंड में कोरोना केस.

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संत समाज में बीमार संतों की बढ़ रही संख्या

सरकार की लाख पाबंदियों के बाद भी कोरोनावायरस पैर पसारता जा रहा है. बीते 12 अप्रैल को हुए शाही स्नान के दौरान पॉजिटिव की संख्या 409 थी. जिसमें अब तक कई संत समाज के लोग भी इसकी चपेट में आ गए हैं. कोरोना के हालात का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने जूना अखाड़ा का रुख किया. जहां पर हमने पाया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार जूना अखाड़ा के संतों की जांच कर रही है. दो से तीन एंबुलेंस लगातार साधु समाज के अखाड़ों के आसपास लगाई गई हैं. जैसे ही किसी साधु-संत की तबीयत खराब होती है, वैसे ही उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है.

साधु-संतों की बढ़ रही संख्या.

कल शाम यानी 13 अप्रैल को भी यही हालत थे. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक साधु-संतों में वायरस संक्रमित की संख्या करीब 12 बताई जा रही है. जबकि जूना अखाड़ा में तैनात प्राइवेट डॉक्टर पवन गुप्ता बताते हैं कि साधु संतों की तबीयत लगातार खराब हो रही है और उनके पास ऐसे साधु-संतों की संख्या अधिक है, जिन्हें खांसी जुकाम, बुखार की समस्या हो रही है. डॉ. गुप्ता जो बीमार संतों का आंकड़ा बता रहे हैं वो रोजाना करीबन 900 से 1500 के बीच है. उनका कहना है कि हो सकता है कि ये मौसम की वजह से भी हो.

पुलिसकर्मियों पर मंडराया संकट.

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20 पुलिसकर्मी भी संक्रमित

वहीं, ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी भी लगातार कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल की मानें तो ड्यूटी में तैनात 20 पुलिसकर्मी अब तक पॉजिटिव निकले हैं. जिसके बाद उनके आसपास तैनात और उनके संपर्क में आए कई पुलिसकर्मियों को आइसोलेट किया गया है. लिहाजा, पुलिस प्रशासन हर मेले के बाद तमाम पुलिस कर्मियों की जांच करवा रहा है. जो ऐसी जगह पर तैनात है, जहां पर भीड़ भाड़ ज्यादा हो. इसके बावजूद भी केस लगातार बढ़ रहे हैं.

कोरोना संकट के बीच सीएम तीरथ के तर्क.

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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अलग ही है थ्योरी

बहरहाल, इन सब के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत तो अलग ही ज्ञान बांट रहे हैं. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि कुंभ मेले में काफी काफी संख्या में लोग आ रहे हैं, लेकिन वो किसी एक घाट पर नहीं, बल्कि 10 किलोमीटर से ज्यादा के दायरे में फैले घाट पर स्नान कर रहे हैं. लिहाजा, प्रशासन और सरकार अपनी पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है और भव्य कुंभ को अच्छी तरह से समापन किया जाएगा.

महाकुंभ में हवा-हवाई साबित हुए कोरोना के नियम.

हरिद्वार में जिस तरह से भीड़ लगातार उमड़ रही है. साधु-संत और पुलिसकर्मी जिस तरह से संक्रमित हो रहे हैं. उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुंभ समाप्ति के बाद न केवल हरिद्वार की मुसीबत बढ़ सकती है. बल्कि, यहां से जाने के बाद साधु-संत और भक्तों की संख्या अन्य राज्यों में भी चिंता बढ़ा सकते हैं.

Last Updated : Apr 14, 2021, 3:36 PM IST

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