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हरिद्वार श्मशान घाटों का फरमान, नहीं हैं अस्थियां रखने की जगह, दो घंटे में ले जाएं - Haridwar crematorium management

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण से मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. ऐसे में हरिद्वार जैसे बड़े धार्मिक स्थल के श्मशान घाट पर लाए जाने वाले मृतकों के परिजनों के लिए एक निर्देश जारी किया है.

Haridwar crematorium
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Published : Apr 28, 2021, 1:53 PM IST

हरिद्वार: उत्तराखंड में लगातार कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. आलम ये है कि तमाम जिलों के अस्पतालों और श्मशान घाटों पर एंट्री मिलनी मुश्किल हो रही है. ऐसे में हरिद्वार जैसे बड़े धार्मिक स्थल के श्मशान घाट पर लाए जाने वाले मृतकों के परिजनों के लिए एक निर्देश जारी किया है.

सेवा समिति हरिद्वार के अध्यक्ष मुकेश त्यागी का कहना है कि अगर हरिद्वार के कनखल, खड़खड़ी और चंडीघाट जैसे श्मशान घाटों पर शवों को ला रहे हैं तो अस्थियों को 3 घंटे में श्मशान घाट से ले जाएं, क्योंकि ये डर है कि कहीं हर घंटे आ रही शवों की अस्थियां एक दूसरे में मिक्स न हो जाएं.

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अबतक श्मशान घाटों की व्यवस्था कुछ इस प्रकार थी अगर किसी व्यक्ति का शरीर जलाया जाता था वो अगके दिन चिता की अग्नि बुझने के बाद उसके परिवार वाले अस्थियों को ले जा सकते थे, लेकिन अब हो ये रहा है लगातार बढ़ती शवों की संख्या के बीच श्मशान प्रशासन को ये दिक्कत आ रही है कि वो मृत शरीर की अस्थियों को भला कहां रखें. ऐसे में तमाम श्मशान घाटों पर आने वाले मृतक के परिजनों से ये कहा जा रहा है कि वो दो घंटे के अंदर ही अस्थियों को लेकर जाएं.

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