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हरिद्वार के डॉ. सतीश कुमार शास्त्री को मिला अंतरराष्ट्रीय गांधी नोबेल शांति पुरस्कार - Dr. Satish Kumar Shastri

डॉ. सतीश कुमार शास्त्री को साहित्य और समाजसेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए गांधी नोबल शांति पुरस्कार मिला है. वह हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं.

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अंतरराष्ट्रीय गांधी नोबेल शांति पुरस्कार मिला

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Published : Jul 1, 2020, 11:44 AM IST

Updated : Jul 1, 2020, 1:45 PM IST

लक्सर: हरिद्वार जिले के राजकीय इंटर कॉलेज भोगपुर के प्रवक्ता डॉ. सतीश कुमार शास्त्री को अंतरराष्ट्रीय गांधी नोबेल शांति पुरस्कार मिला है. उन्हें साहित्य और समाजसेवा के क्षेत्र में बेहतर योगदान देने के लिए ये सम्मान मिला है. विश्वभर से 50 लोगों का चयन गांधी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए हुआ है, जिसमें 5 भारतीय भी शामिल हैं. गांधी पीस फाउंडेशन नेपाल की ओर से इन सभी को पुरस्कार दिया जाएगा. कोरोना महामारी की वजह यह पुरस्कार अगले साल लंदन में आयोजित कार्यक्रम में दिया जाएगा.

अंतरराष्ट्रीय गांधी नोबेल शांति पुरस्कार.

डॉ. सतीश कुमार शास्त्री को साहित्य और समाजसेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए गांधी नोबल शांति पुरस्कार मिला है. वह हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं. कई देशों में वह महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं. उन्हें कई पुरस्कार व सम्मान पहले भी मिल चुके हैं.

गांधी पीस फाउंडेशन नेपाल की ओर से उन्हें गांधी नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है. डॉ. शास्त्री ने बताया कि संस्था की ओर से विश्वभर में 50 लोगों को पुरस्कार के लिए चुना गया है. इनमें भारत के 5 लोग शामिल है. 5 जून को लंदन में आयोजित समारोह में उन्हें पुरस्कार दिए जाने थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. संस्था की ओर से फिलहाल उन्हें सम्मान-पत्र दिया गया है.

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वहीं, सतीश शास्त्री ने कहा की यह पुरस्कार मुझे नहीं मेरे ग्राम वासियों, जनपद और राष्ट्र को मिला है. मैं इसे राष्ट्र के नाम समर्पित करता हूं. क्योंकि पूरी दुनियाभर से 50 लोगों का चयन हुआ है, जिसमें भारत के अलग-अलग प्रदेश और विधाओं में कार्य करने वाले 5 लोगों का चयन हुआ है. मैं लंबे समय से हिंदी भाषा, भारतीय संस्कृति और पर्यावरण के लिए कार्य कर रहा हूं. देश के बाहर अपने अध्यापन के साथ-साथ यह कार्य भी कर रहा हूं. जिसके कारण मुझे इस सम्मान से नवाजा गया है.

Last Updated : Jul 1, 2020, 1:45 PM IST

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