रुड़की:कोरोना काल के दौरान बिना अनुमति कोविड अस्पताल चलाये जाने की शिकायत पर हरिद्वार जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ दिल्ली रोड स्थित एक निजी अस्पताल में छापेमारी की. बताया जा रहा है कि अस्पताल में बिना कोविड टेस्ट किए मरीजों का उपचार किया जा रहा था. इस दौरान कुछ लोगों ने अधिकारियों के समक्ष अस्पताल की लापरवाही भी सामने रखी. जिलाधिकारी ने नए मरीजों की एंट्री पर अस्पताल में पाबंदी लगाई है, साथ ही पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है.
बिना अनुमति के कोरोना मरीजों इलाज कर रहा था निजी अस्पताल. जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने बताया कि बिना कोविड टेस्ट किए उपचार की सूचना पर छापेमारी की है. अस्पताल में काफी अनियमितता मिली हैं और जांच जारी है. फिलहाल, अस्पताल में जो पेशेंट भर्ती है. उन्हीं का उपचार किया जाएगा, नए मरीजों की एंट्री नहीं होगी. साथ ही पूरे मामले की जांच कर सम्बंधित धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा. उन्होंने बताया अधिक पैसे वसूलने का मामला भी सामने आया है.
अस्पताल पर ज्यादा रुपये वसूलने का आरोप
एक मरीज के परिजन ने अधिकारियों को बताया कि उनसे तीन लाख 20 हजार रुपए की वसूली की गई और बिना कोविड टेस्ट करवाए उपचार किया गया. लेकिन 10 दिन बाद ही मरीज की मौत हो गयी. वहीं एक और तीमारदार ने बताया कि 12 दिन से उनकी मां इस अस्प्ताल में बुखार की शिकायत के बाद भर्ती थी. लेकिन जब 12 दिन में उन्हें लाभ नही मिला, तो उन्हें आरोग्यम अस्पताल लेकर गए. जहां उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई लेकिन तब तक उन्होंने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. तीमारदार की माने तो उनसे अस्पताल द्वारा 25 हजार रुपए प्रतिदिन लिए गए.
पढ़ें- काेराेना से अनाथ हुए बच्चों काे सरकार का संरक्षण, मिलेंगी ये सुविधाएं
पिछले दिनों एक अस्पताल किया था सील
रुड़की के आवास विकास में बीते दिनों एक अस्पताल में छापेमारी कर स्वास्थ्य विभाग ने सील किया था. अब एक बार फिर से दिल्ली रोड स्थित कर्नल अस्पताल में डीएम सी रविशंकर और सीएमओ एसके झा के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन और पुलिस की टीम ने छापेमारी की. इस दौरान अस्पताल में बिना कोविड टेस्ट किये मरीजों का उपचार किया जा रहा था. इसके साथ ही अधिक पैसे वसूले जाने का मामला भी अधिकारियों के प्रकाश में आया.