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कोविड अस्पताल में मरीजों की मौत मामले में DM ने मानी लापरवाही, आंकड़े छुपाने से किया इनकार

बाबा बर्फानी अस्पताल में 65 कोरोना मरीजों की मौत के मामले में जिलाधिकारी भी लापरवाही की बात मान रहे हैं. मगर वे मौत का आकंड़ा छिपाने की मंशा से इनकार कर रहे हैं.

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Published : May 16, 2021, 9:21 PM IST

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कोविड अस्पताल में मरीजों की मौत मामले में DM ने मानी लापरवाही

हरिद्वार: कोविड हॉस्पिटल में 65 कोरोना मरीजों की मौत का मामला सामने आने के बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है. आरोप है कि अस्पताल ने इन मौतों की सूचना को प्रशासन से छिपाया. 25 अप्रैल से 12 मई के बीच हुई इन मौतों की कोविड कंट्रोल रूम को जानकारी नहीं दी गई. राज्य सरकार के कोविड कंट्रोल के नोडल अधिकारी ने हॉस्पिटल और सीएमओ हरिद्वार को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है. बाबा बर्फानी हॉस्पिटल को एक निजी धार्मिक संस्था संचालित करती है. कुंभ मेले के दौरान प्रशासन ने इसे 500 बेड के कोविड केयर हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया था.

कोविड अस्पताल में मरीजों की मौत मामले में DM ने मानी लापरवाही

हरिद्वार के एक डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 25 अप्रैल से 12 मई के बीच कोरोना से 65 मौत हुई. मगर इसकी जानकारी स्टेट कॉविड कंट्रोल रूम को नहीं दी गई. स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की जांच के बाद मामला सामने आया. जबकि उत्तराखंड सरकार के आदेश है कि राज्य में जिस अस्पताल में भी कोरोना मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो जाती है. उसकी जानकारी 24 घंटे के भीतर राज्य कोविड कंट्रोल रूम को देनी अनिवार्य है. मगर 18 दिन में हर रोज मौत होती रही. अस्पताल प्रशासन ने समय से सूचना देना जरूरी नहीं समझा.

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इस मामले को अब अधिकारी भी दबाने की कोशिश कर रहे हैं. हरिद्वार के जिलाधिकारी का इस बारे में कहना कि अस्पताल द्वारा दिये गए डाटा को डॉक्टरों के छुट्टी पर होने की वजह से समय से एंट्री नहीं किया जा सका. इसलिए यह सारा भ्रम पैदा हुआ है.

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कोविड बाबा बर्फानी अस्पताल में 19 दिनों के बाद 65 मरीजों की मौत का खुलासा हुआ. उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस अस्पताल के खिलाफ नोटिस भी जारी किया है. इस मामले में हरिद्वार और देहरादून के जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को भी चेतावनी नोटिस दिया गया है. हरिद्वार जिलाधिकरी सी रविशंकर भी लापरवाही की बात तो मान रहे हैं, मगर मौत का आकंड़ा छिपाने की मंशा से वह भी इनकार कर रहे हैं. मगर सवाल उठता है कि क्या 18 दिन तक डॉक्टर छुट्टी पर रहे?

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