रुड़की:उत्तराखंड विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे दल बदलने का खेल तेज हो गया है. हरिद्वार के भगवानपुर विधानसभा में एक बार फिर दलबदल की राजनीति देखने को मिल रही है. इन दिनों बीजेपी नेता सुबोध राकेश के हाथी पर सवार होने की चर्चाएं जोरों पर हैं. अगर ऐसा होता है भगवानपुर विधानसभा में बीजेपी को बड़ा झटका माना जा रहा है.
सुबोध राकेश का कहना है कि बीजेपी के पास भगवानपुर में कई बड़े नेता हैं, जो बीजेपी को चुनाव जिता सकते हैं, सुबोध राकेश के इस बयान से साफ जाहिर होता है कि वह अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं. सुबोध राकेश के बसपा में जाने की चर्चाओं से भगवानपुर सीट पर भाजपा का राजनीतिक समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है, क्योंकि 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी से बीजेपी प्रत्याशी को मिली हार के आंकड़ों ज्यादा नहीं थे.
भगवानपुर सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमिः2015 में भगवानपुर से विधायक व तत्कालीन कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र राकेश की 7 फरवरी 2015 को कैंसर के चलते मौत हो गई थी. विधायक की मौत के बाद 2015 में ही भगवानपुर विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस ने दिवंगत सुरेंद्र राकेश की पत्नी ममता राकेश को प्रत्याशी बनाया, जिसमें उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी राजपाल के हराकर जीत हासिल की. इस दौरान सुरेंद्र राकेश के भाई सुबोध राकेश ने अपनी भाभी ममता राकेश का साथ दिया. लेकिन इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान सुबोध राकेश ने बीजेपी का दामन थामा और अपनी ही भाभी ममता राकेश के खिलाफ चुनाव लड़े. इस चुनाव में सुबोध राकेश को हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, हार का आंकड़ा मात्र 2513 वोट था.