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गंगा सप्तमी पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, इस दिन हुआ था मां गंगा का पुर्नजन्म

मान्यता है कि गंगा सप्तमी पर मोक्षदायिनी मां गंगा में डुबकी लगाने से सभी पापों का हरण होता है. गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजन और स्नान से यश-सम्मान की प्राप्ति होती है.

गंगा सप्तमी.

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Published : May 11, 2019, 5:13 PM IST

हरिद्वार:आज मां गंगा का जन्मोत्सव है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मोक्षदायिनी मां गंगा देवलोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं. इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर लाखों श्रद्धालु धर्मनगरी पहुंचकर गंगा में स्नानकर पुण्य की कामना करते हैं.

गंगा सप्तमी पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.
इस तिथि को गंगा जन्मोत्सव नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन मां गंगा का पुनर्जन्म हुआ था. मान्यता है कि मां गंगा पृथ्वी पर पहली बार गंगा दशहरा को अवतरित हुईं थी. देवताओं और राजा भागीरथ के याचना करने पर उन्होंने गंगा सप्तमी के दिन गंगा के जल को मुक्त किया और मां गंगा का इस दिन पुनः अवतरण हुआ. इस दिन तीर्थ पुरोहित बड़े उत्साह से मां गंगा का जन्मोत्सव मनाते हैं. इस मौके पर धर्मनगरी में मां गंगा की शोभायात्रा निकाली जाती है. जो हरिद्वार में भ्रमण कर देर शाम हर की पौड़ी पहुंचती है और फिर मां गंगा का दूध अभिषेक और पूजा अर्चना की जाती है.

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मान्यता है कि गंगा सप्तमी पर मोक्षदायिनी मां गंगा में डुबकी लगाने से सभी पापों का हरण होता है. गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजन और स्नान से यश-सम्मान की प्राप्ति होती है. मां गंगा तीनों लोक देवलोक, मृत्युलोक और पाताल लोक को अपने पवित्र जल से तृप्त करती हैं. इसीलिए श्रद्धालु इस दिन मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए हरिद्वार आते हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि आज के दिन मा गंगा में डुबकी लगाने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

साधु संतों का कहना है कि हरिद्वार में जो भी लोग आते हैं वह गंगा के लिए आते हैं. मां गंगा हमारी सनातन धर्म की प्राण है, जिसके बगैर हम कुछ भी नहीं है. लेकिन आज भी गंगा प्रदूषित हो रही है. गंगा की स्वच्छता को लेकर सरकार को एक कानून बनाना चाहिए. ताकि, मां गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके.

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