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मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, सुख-समृद्धि की कामना

मकर संक्रांति भारत का प्रमुख पर्व है. पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है..

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मकर संक्रांति पर्व

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Published : Jan 14, 2021, 10:57 AM IST

Updated : Jan 14, 2021, 11:34 AM IST

हरिद्वार:आज मकर संक्रांति का पर्व है. मकर संक्रांति पर सूर्य का राशि परिवर्तन होने जा रहा है. धनु राशि से मकर राशि में सूर्य का प्रवेश सभी राशियों को प्रभावित करने जा रहा है. आज के दिन सूर्य और शनि दोनों की कृपा प्राप्त होती है. सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहे है. इसी के साथ आज से ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर बढ़ेगा.

इस मौके को काफी खास माना जाता है आज से ही सामाजिक शुभ कार्य शुरू होने का भी समय है. आज के दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व माना जता है. माना जाता है कि आज के दिन गंगा स्नान कर तिल व खिचडी और गर्म कपडे़ आदि का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. हरिद्वार में स्नान के चलते पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मेला क्षेत्र को 7 जॉन और 20 सेक्टरों में बांटा गया है.

मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.

मकर संक्रांति पर्व का महत्व

पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि का कहना है कि मकर संक्रांति विशेष पर्व है. मकर संक्रांति पर सूर्य का राशि परिवर्तन, सूर्य का धनु राशि छोड़कर अपने पुत्र शनि देव की राशि में संक्रमण को मकर संक्रांति कहते हैं. उनके अनुसार आज के दिन से ही वह दसा बन जाती है, जिससे कुंभ का आरंभ माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन ही मकर राशि में सूर्य जो अपने पुत्र शनि से सदैव नाराज रहते थे. वे आज के ही दिन अपनी नाराजगी भूलकर अपने पुत्र के घर गए थे तभी से मकर संक्रांति मनाई जाती है. सूर्य देव और शनि देव दोनों की कृपा आज के दिन लोगों को प्राप्त होती है. आज के दिन के बाद से किसी भी प्रकार के सामाजिक शुभ कार्य है वो आरंभ होने का समय है. आज से ही सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही अयन भी बदल जाता है. ऋतु भी बदलनी शुरू हो जाती है. सर्दी कम होनी शुरू हो जाती है. आज के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्त्व है. आज के दिन ही कपिल मुनि के आश्रम को छोड़कर गंगा सागर में विलीन हो गई थी.

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मां गंगा की महिमा

गंगा भगवान शंकर की जटाओं से निकल कर विष्णु के चरणों में जाकर समाप्त हो गई थी. अपने पूरे कार्य की इतिश्री कर दी थी. इसी के साथ-साथ आज के ही दिन सभी देवी-देवता भी स्वयं गंगा में स्नान करने के लिए आते है. क्योंकि उन्होंने समय-समय पर मानव रुप अवतार लिए हैं उन अवतारों की पूर्णता के लिए आज के दिन स्नान करते हैं. जो व्यक्ति आज के दिन गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान करता है उस व्यक्ति को ईश्वरों का साक्षात सानिध्य प्राप्त होता है. वो निरोगी बनता है और उसके सारे मनोरथ पूरे होते हैं. बता दें कि, हरिद्वार में मकर सक्रांति पर गंगा स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ रही है.

गंगा स्नान करने से मिलता है पुण्य

मकर संक्रांति के मौके पर देशभर से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे हैं. कोहरे और ठंड के बावजूद श्रद्धालु हरिद्वार गंगा के घाटों पर स्नान कर पुण्य की प्राप्ति कर रहे हैं. इसके साथ ही देव डोलियों को भी पहाड़ों से लाकर गंगा स्नान कराया जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन देव डोलियों को स्नान कराने से देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं. ऐसी मान्यता है की मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने के उपरांत तिल और खिचड़ी के साथ वस्त्रों का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

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मकर संक्रांति पर कोरोना इफेक्ट

इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए पुलिस प्रशासन श्रद्धालुओं से कोरोना गाइडलाइन का पालन स्नान के दौरान करा रहा है. साल के पहले बड़े स्नान पर्व के मौके पर हरिद्वार पुलिस, कुंभ मेला पुलिस और हरिद्वार जिला प्रशासन सतर्क नजर आ रहा है. हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि मेले के दृष्टिगत व्यवस्थाएं पूरी है. साल का सबसे बड़ा पहला स्नान हरिद्वार में मकर सक्रांति के रूप में आज आयोजित किया जा रहा है. उनके द्वारा श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि कोरोना महामारी को देखते हुए भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जाए. जो लोग मास्क नहीं पहन कर आए है उनको मास्क का वितरण किया जा रहा है. श्रद्धालुओं का कहना है कि वह सभी गंगा का स्नान करने आए है. गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए मां गंगा से प्रार्थना कर रहे हैं. कोरोना महामारी को देखते हुए कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है.

Last Updated : Jan 14, 2021, 11:34 AM IST

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