हरिद्वारः आज निर्जला एकादशी है यानि ऐसी एकादशी जिसे बिना जल ग्रहण किए ही व्रत रखकर पूरा किया जाता है. साथ ही गंगा स्नान किया जाता है. इस दिन पितरों के निमित्त पूजा अर्चना और पिंडदान आदि किया जाता है. जो भी व्यक्ति दान और पूजा करता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इसी पुण्य को पाने के लिए हरिद्वार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जो गंगा के निर्मल जल में स्नान कर पूजा अर्चना कर रहे हैं. हरकी पैड़ी समेत तमाम घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है.
बता दें कि इस बार निर्जला एकादशी दो दिन पड़ रही है. पंचांग के मुताबिक, ज्येष्ठ शुक्ल की एकादशी तिथि 10 जून को सुबह 7 बजकर 28 मिनट के बाद शुरू हो चुकी है, जो 11 जून यानी शनिवार की शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. इन दोनों में एक तिथि 11 जून को निर्जला एकादशी का व्रत रखना उत्तम माना गया है, क्योंकि हिंदू धर्म में दिन की शुरुआत सूर्योदय से होती है और अगले दिन के सूर्योदय तक एक दिवस माना जाता है. इस नियमानुसार ही निर्जला एकादशी का व्रत शनिवार को भी रखा जा रहा है. शनिवार शाम एकादशी के बाद त्रयोदशी तिथि शुरू हो जाएगी. इस बार द्वादशी का क्षय हो गया है, इसलिए 11 जून को अति शुभ संयोग भी बन रहा है.
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निर्जला एकादशी पर सुबह सूर्योदय से लेकर और अगले दिन सूर्योदय होने तक निर्जल रहने का विधान बताया गया है, लेकिन गर्भवती स्त्रियों, बुजुर्ग और रोगी को निर्जल रहने का अधिकार नहीं है. वे ऐसा न करें. वो केवल उपवास ही करें. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन यानी निर्जला एकादशी में जो व्यक्ति जल का दान करता है, अनंत काल के लिए उसके पितरों को इसकी तृप्ति होती है. साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला बताया गया है.