हरिद्वार:धर्मनगरी हरिद्वार में कुंभ मेले के दूसरे शाही स्नान पर आलौकिक नजारा देखने को मिला. सभी 13 अखाड़ों द्वारा हरकी पौड़ी ब्रह्मकुंड पर गंगा में डुबकी लगाई. महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान में सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के साधुओं ने हरिद्वार में हर की पौड़ी पर शाही स्नान किया. सभी अखाड़ों को आधा-आधा घंटा स्नान का समय दिया गया था.
महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान पर अखाड़ों और नागा संन्यासियों का वैभव देखते ही बना. अखाड़ों का शाही काफिला स्नान के लिए बढ़ा तो चारों ओर हर-हर गंगे के जयघोष सुनाई दिए. हरकी पैड़ी पर आस्था की छटा ने सबका मन मोह लिया. आस्था के इस सैलाब के बीच कोरोना वायरस का खौफ कहीं भी नजर नहीं आया.
हेलीकॉप्टर से की गई पुष्प वर्षा
सबसे पहले शाही स्नान सबसे पहले निरंजनी अखाड़ा अपने साथी आनंद अखाड़े के साथ अपनी छावनी से 8.30 बजे चला और हरकी पौड़ी पहुंचकर गंगा में शाही स्नान किया. यह स्नान निरंजनी ने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि की अगुवाई में किया गया. जबकि आनंद अखाड़े ने अपने आचार्य महामंडलेश्वर की अगुवाई में शाही स्नान किया. शाही स्नान के लिए जाते साधु, संतों पर उत्तराखंड सरकार ने हैलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा करवाई.
शाही स्नान में आकर्षण का केंद्र नागा संन्यासियों की बड़ी जमात ने अपने-अपने अखाड़ों पंचायती निरंजनी अखाड़ा और महानिर्वाणी अखाड़ों के साथ हरकी पौड़ी ब्रह्मकुंड पहुंचकर शाही स्नान किया. विधि-विधान और गंगा पूजन के साथ हर-हर महादेव, बम-बम भोले और हर-हर गंगे के जयकारों के बीच गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया.
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निरंजनी अखाड़े के बाद जूना अखाड़ा के साथ अग्नि, आह्वान और किन्नर अखाड़े ने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अगुवाई में हरकी पौड़ी पर शाही स्नान किया. संन्यासी अखाड़ों के स्नान के बाद तीनों बैरागी अणियों, निर्वाणी अणि, निर्मोही अणि और दिगंबर अणि ने गंगा में डुबकी लगाई.
जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर मां अंबा नंदगिरि का कहना है कि कुंभ को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला. यह बहुत ही अद्भुत नजारा था. कोरोना महामारी होने के बावजूद भी लोगों में इतनी श्रद्धा देखने को मिली. सभी भक्त मां गंगा का स्नान करने हरिद्वार आ रहे हैं. यही उत्साह दिखाता है कि कुंभ मेले का क्या महत्व है.