हरिद्वार:धर्मनगरी हरिद्वार में हर साल लाखों की संख्या में कांवड़िए गंगाजल लेने के लिए आते है. इसके बाद वो हरिद्वार से पैदल अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करते है. इस दौरान पैदल जाने वाले कांवड़ियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े. इसके लिए हरिद्वार में विशेष कांवड़ पटरी का निर्माण किया गया है और इस पटरी के सौंदर्यीकरण के लिए 22 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे. लेकिन इसे शासन-प्रशासन की लापरवाही कहे या सुस्ती, क्योंकि सौंदर्यीकरण का ये कार्य पिछले दो सालों से अधर में लटका है.
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बता दें कि शंकराचार्य चौक से जटवाड़ापुल तक 6 किलोमीटर लंबी पटरी के सौंदर्यीकरण का कार्य सिंतबर 2015 में शुरू किया गया था, जो 2017 में पूरा किया जाना था, लेकिन समय सीमा पूरी होने के बाद भी सौंदर्यीकरण का ये कार्य दो साल से अधर में लटका हुआ है.