रुड़की:हरिद्वार के रुड़की नगर निगम में बुधवार को नगर आयुक्त के खिलाफ पार्षद धरने (Protest against Roorkee Municipal Commissioner) पर बैठ गए. पार्षदों का आरोप है कि बोर्ड बैठक में पास हुए प्रस्तावों पर कार्य नहीं हो रहा है. इस बारे में अगर नगर आयुक्त से बात करते हैं तो वह इसका कोई ठोस जवाब नहीं देते हैं. वहीं, नगर आयुक्त पर भ्रष्टाचार का आरोप (Roorkee councilors accused municipal commissioner) लगाते हुए पार्षदों ने उन्हें निलंबित करने की मांग की. नगर आयुक्त ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है.
बुधवार को नगर निगम रुड़की परिसर में पार्षदों द्वारा मुख्य नगर अधिकारी विजयनाथ शुक्ल के खिलाफ मोर्चा खोला गया. बड़ी संख्या में पार्षद मुख्य नगर अधिकारी विजयनाथ शुक्ल के कार्यालय पर धरने पर बैठ गए. पार्षद अनूप राणा ने कहा कि बोर्ड बैठक में पास हुए प्रस्तावों पर कार्य शुरू नहीं हुए हैं. मुख्य नगर अधिकारी उनकी बात को नहीं सुनते हैं. इस दौरान पार्षदों के द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई है. साथ ही नगर निगम के द्वारा किए गए 16 करोड़ के कार्यों का हिसाब भी मांगा.
रुड़की नगर निगम आयुक्त के खिलाफ पार्षदों का हंगामा. पार्षदों का आरोप है कि पिछले 8 महीनो में नगर निगम के द्वारा कुछ भी कार्य नहीं किए गए हैं. इस कारण क्षेत्र की जनता उनसे विकास कार्यों के बारे में पूछ रही है. वहीं, नगर आयुक्त विजयनाथ शुक्ल ने पार्षदों के सभी आरोपों को निराधार बताया और कहा कि अगर पार्षद आरोप लगा रहे हैं, तो उनकी जांच करवाई जाए. वह हर जांच के लिए तैयार हैं.
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नगर आयुक्त पर जमीन कब्जाने का आरोपः रुड़की नगर निगम परिसर में नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर सुनहरा क्षेत्र निवासी राजेंद्र चौधरी अपने कुछ साथियों के साथ पहुंचे. जहां पर उन्होंने करोड़ों की बेशकीमती जमीन भूमाफियाओं द्वारा कब्जाने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. वहीं, उन्होंने यहां तक कह डाला कि अगर भूमाफियाओं के कब्जे से जमीन खाली ना कराई गई तो वो आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे.
राजेंद्र चौधरी का आरोप है कि एक साल पहले कुछ भूमाफियाओं द्वारा क्षेत्र में करोड़ों की बेशकीमती सरकारी भूमि पर भराव कर कब्जा किया गया. इसकी शिकायत की गई थी और मौके पर मेयर गौरव गोयल ने निरीक्षण भी किया. साथ ही दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है. वहीं इस पूरे प्रकरण पर नगर आयुक्त विजयनाथ शुक्ल ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी.