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महाकुंभ 2021: शाही स्नान की तारीखों पर हुआ विवाद, वेबसाइट पर डाली गई थी जानकारी - नरेंद्र गिरी

कुंभ मेला प्रशासन की ओर से कुंभ मेले की वेबसाइट पर कुंभ स्नान की तारीखों को लेकर अभी से विवाद खड़ा हो गया है. उन तारीख को लेकर ज्योतिषाचार्य और अखाड़ा परिषद ने विरोध किया है. जिसके बाद अपर मेलाधिकारी ने वेबसाइट से तारीखों को हटाने की बात कही है.

Haridwar Mahakumbh 2021
Haridwar Mahakumbh 2021

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Published : Feb 9, 2020, 2:21 PM IST

Updated : Feb 9, 2020, 4:12 PM IST

हरिद्वार:साल 2021 में होने वाले महाकुंभ के लिए राज्य सरकार जोर-शोर से तैयारियों में जुटा है. वहीं,मेला प्रशासन की ओर से कुंभ मेले की वेबसाइट पर कुंभ स्नान की तारीखों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. मेला प्रशासन ने वेबसाइट पर जिन तारीखों को कुंभ स्नान बताकर अपलोड किया है, उन तारीख का कुंभ के जानकार ज्योतिषाचार्य और अखाड़ा परिषद दोनों ही विरोध कर रहे हैं. ज्योतिषाचार्य का कहना है कि मेला प्रशासन द्वारा सामान्य स्नान पर्वों को कुंभ स्नान बताकर देश-दुनिया के श्रद्धालुओं को गलत और भ्रमित करने वाली जानकारियां दी जा रही है. ज्योतिषाचार्य बता रहे हैं कि जो तारीख कुम्भ स्नान की मेला प्रशासन बता रहा है उन तारीखों पर कुंभ स्नान का ग्रहयोग नहीं बन रहा है.

ऑफिसियल वेब साइट पर डाली गई शाही स्नान की तारीखों पर विवाद.

ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी का कहना है कि कुंभ मेला प्रशासन ने जिन तारीखों को कुंभ स्नान की तारीखें बताकर प्रचारित किया जा रहा है, ये गलत हैं. उन तारीखों में कुंभ का अमृत योग नहीं बन रहा है. उनका कहना है कि यह तारीख प्रत्येक वर्ष पड़ने वाले सामान्य स्नान पर्व है. कुंभ का योग यानी अमृत योग केवल तभी बनता है. उनका कहना है कि शाही स्नान का मुहूर्त तब होता है जब बृहस्पति कुंभ राशि में हो और सूर्य मेष राशि में हो. इस बार यह योग 11 साल बाद पड़ रहा है. साल 2021 मे 5 अप्रैल को बृहस्पति मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, तभी से कुंभ का अमृत योग शुरू हो जाएगा. लेकिन कुंभ स्नान का मुख्य योग 14 अप्रैल को बनेगा. जब बृहस्पति तो कुंभ में रहेंगे और सूर्य मेष राशि में आ जायेंगे.

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इस योग को ही अमृत योग कहा जाता है और इस योग में कुंभ स्नान का महत्व है, अमृत की प्राप्ति होती है. इनका कहना है कि कुंभ का अमृत योग 14 अप्रैल से 14 मई अक्षय तृतीया तक एक महा रहेगा. इसी ज्योतिष गणना के आधार पर कुंभ स्नान की तारीखों का निर्धारण किया जाता है. मगर, हरिद्वार कुंभ मेला प्रशासन ने बिना विद्वानो से सलाह मशविरा किए ही गलत तारीखें वेबसाइट पर डाली हैं, जो गलत हैं. मेला प्रशासन द्वारा कुंभ स्नान की तारीखों का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी विरोध किया है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कुंभ का मुख्य स्नान 14 अप्रैल को ही होगा. उन्होंने मेला प्रशासन द्वारा घोषित की गई तारीखों का विरोध करते हुए कहा कि अभी तक शाही स्नानों की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है. ऐसे में मेला प्रशासन का वेबसाइट पर तारीखों का ऐलान करना गलत है.

इस विवाद पर मेला प्रशासन सकते में है. अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने बताया कि उनकी जानकारी में आया है कि कुंभ साइबर सेल द्वारा वेबसाइट पर कुंभ स्नान की तारीखें अपलोड की गई हैं, वह गलत हैं. साइबर सेल ने बिना सलाह के इन तारीखों को अपलोड कर दिया है, इसकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि कुंभ स्नान तारीखों पर उठे विवाद के बाद वेबसाइट से तारीखों को हटा दिया गया है. अगर नहीं हटी होगी तो जल्दी हटा दी जाएगी.

कुंभ मेला प्रशासन द्वारा कुंभ की वेबसाइट में कुंभ स्नान की तारीख डाली गई उसका ज्योतिषाचार्य और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने भी विरोध किया है क्योंकि अभी तक ना तो ज्योतिषाचार्य और ना ही अखाड़ा परिषद की कुंभ स्नान की तारीखों को लेकर सरकार से कोई चर्चा हुई है. मग,र मेला प्रशासन द्वारा पहले ही कुंभ की वेबसाइट में कुंभ स्नान की डेट डाल दी गई. ऐसे में अब विवाद बढ़ता देख अब मेला प्रशासन बैकफुट पर आ गया है और इस वेबसाइट से कुंभ स्नान की तारीख को को हटाने की बात कर रहा है.

Last Updated : Feb 9, 2020, 4:12 PM IST

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