हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में होने वाला महाकुंभ अभी शुरू भी नहीं हुआ है, लेकिन आए दिन कुंभ से जुड़े विवाद सामने आ रहे हैं. अब तक कुंभ का स्वरूप भी तय नहीं हो पाया है, बावजूद इसके संतों के बीच कोई न कोई विवाद लगातार गरमाता जा रहा है. महाकुंभ 2021 के विवादों पर एक नजर.
विवाद नंबर 1- अखाड़ों में हो रहे कार्यों को लेकर विवाद
उत्तराखंड सरकार द्वारा सभी 13 अखाड़ों को कार्य कराने के लिए एक करोड़ की धनराशि दी जा रही है. जिसे सरकार तीन किस्तों में दे रही है. जिसकी पहली किस्त तो अखाड़ों को मिल गई है, लेकिन दूसरी किस्त अभी तक नहीं दी गई है. वहीं दूसरी तरफ अखाड़ों से अलग अन्य आश्रमों की मांग है कि जिस तरह सभी अखाड़ों को कार्य कराने के लिए धनराशि दी जा रही है, उसी तरह आश्रम इत्यादि में निर्माण के लिए भी उत्तराखंड सरकार को धनराशि देनी चाहिए.
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विवाद नंबर 2- सौंदर्यीकरण के कार्यों से केंद्रीय मंत्री निशंक हुए नाराज
केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने हरिद्वार हरकी पैड़ी पर हो रहे सौंदर्यीकरण के कार्यों को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने वेबकोर्स कंपनी द्वारा किए जा रहे कामों पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. कंपनी ने कार्य इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के सीएसआर फंड से मिले 34 करोड़ से करना था, लेकिन कंपनी ने इन रुपयों को हरकी पैड़ी पर लगाकर रोड़ी बेलवाला पर घास लगाने में खर्च कर दिया. जिससे केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक काफी नराज दिखे और उन्होंने कार्य रुकवाने को कहा था. उसके बाद से घास का कार्य रुका हुआ है.
विवाद नंबर 3- परी अखाड़ा
परी अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर त्रिकाल भवंता महाकुंभ में सुविधाओं के लिए हरिद्वार पहुंचे थीं. लेकिन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने उनका विरोध किया है. उन्होंने कहा था कि हरिद्वार में होने वाले 2021 कुंभ में किसी भी फर्जी संत को उनकी तरफ से अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की बात भी कही थी.