हरिद्वार: उत्तराखंड में अवैध धार्मिक निर्माण ध्वस्तीकरण का मामला अब राजनीति रंग लेता नजर आ रहा है. बीते दिनों कांग्रेस विधायक रवि बहादुर और कार्यकर्ताओं ने अवैध मजार को हटाए के विरोध में डीएम कार्यालय पर हंगामा किया था. साथ ही आरोप है कि विधायक ने मजारों को समाधि बताते हुए बचाव किया था. जिससे नाराज अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कांग्रेस विधायक को माफी मांगने को कहा था. मामले में आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ज्वालापुर कोतवाली में रविंद्र पुरी के खिलाफ तहरीर दी है. अब यह मामला कांग्रेस बनाम संतों का होता नजर आ रहा है.
कांग्रेस कार्यकर्ता ने ज्वालापुर कोतवाली में महंत रविंद्र पुरी के खिलाफ तहरीर दी है. जिससे धर्मनगरी के संतों में कांग्रेस विधायकों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ खासा रोष दिखाई दे रहा है. संतों का कहना है कि मजारों को लेकर कोई मुस्लिम संतो का विरोध करता नहीं दिख रहा है. जबकि ये कांग्रेसी विधायक और कार्यकर्ता संतो के खिलाफ तहरीर दे रहे हैं, यह निंदनीय है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी पर कांग्रेस द्वारा ज्वालापुर कोतवाली में तहरीर देने के बाद धर्मनगरी के संत एक साथ आ गए हैं. संतों ने कांग्रेस विधायक और कार्यकर्ताओं को संतों के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी से बचने की सलाह दी है. साथ ही 2024 में न केवल उत्तराखंड बल्कि, पूरे देश से कांग्रेस को साफ करने की बात कह रहे हैं.
महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा जिस तरह से निरंजनी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी के खिलाफ कांग्रेस ने ज्वालापुर कोतवाली में तहरीर दी है, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. एक राजनीतिक व्यक्ति को ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कांग्रेस विधायकों ने हिंदू समाज के लोगों को भटकाने के लिए मजारों को समाधि कहा है.
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