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2021 कुंभ की तैयारियों को लेकर हरिद्वार पहुंचे CM रावत, साधु-संतों से लिए सुझाव

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 2021 के कुंभ को लेकर अखाड़ों के संतों से मुलाकात करने हरिद्वार पहुंचे. जहां उन्होंने कुंभ मेले को सफल बनाने के लिए संतो से सुझाव भी लिए. साथ ही उन्होंने 2021 कुभं को सफल बनाने के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी की. वहीं अखाड़ा परिषद के संतो और श्रद्धालुओं ने मेले के दौरान होने वाली परेशानी से भी उन्हें अवगत कराया.

दक्ष प्रजापति मंदिर में भगवान शिव का जल अभिषेक करते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.

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Published : Sep 8, 2019, 5:53 PM IST

हरिद्वार: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रविवार को हरिद्वार पहुंचे जहां उन्होंने ज्वालापुर गणेश पंडाल में गणपति की पूजा अर्चना की, साथ ही दक्ष प्रजापति मंदिर में भगवान शिव का जल अभिषेक कर 2021 कुंभ को सफल बनाने की कामना की. वहीं, हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी माया देवी के दर्शन भी किए. साथ ही सभी अखाड़ों के संतों से 2021 कुंभ मेले को सफल बनाने के लिए मुलाकात भी की. साथ ही मेले को सफल बनाने के लिए संतो से सुझाव भी लिए. इस मौके पर अखाड़ा परिषद के संतों और श्रद्धालुओं ने मेले के दौरान होने वाली परेशानी से भी उन्हें अवगत कराया.

2021 कुंभ की तैयारियों को लेकर हरिद्वार पहुंचे CM रावत.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि हरिद्वार पहुंच कर उन्होंने सभी संतो से आशीर्वाद लिया. साथ ही 2021 के महाकुंभ में सभी साधु-संतों के मार्गदर्शन के लिए संतो से मुलाकात की. साथ ही बताया कि पिछले कुंभ में करीब 8 करोड़ श्रद्धालु हरिद्वार आए थे, वहीं इस महाकुंभ में और अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिसे देखते हुए सरकार द्वारा सभी व्यवस्थाएं बनाई जा रही है. उन्होंने बताया कि महाकुंभ को लेकर केंद्र सरकार से 900 करोड़ की डिमांड की है. कुंभ मेले को लेकर हम लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में हैं.

जूना अखाड़े के महामंत्री हरी गिरी ने बताया कि कुंभ मेले को लेकर सरकार की संतों से कई बार बैठक हुई है. कुंभ मेले को सफल बनाने के लिए कई व्यवस्थाएं करनी है, हम चाहते हैं कि हरिद्वार कुंभ मेले में लक्सर क्षेत्र के इलाकों को भी सम्मिलित किया जाए.

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साथ ही कहा कि अखाड़े शहर के बीच में अपने शिविर ना लगाएं, ताकि श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. इलाहाबाद या नासिक में खाली मैदानों में अखाड़े लगाए जाते हैं, वैसी ही व्यवस्था हरिद्वार में करने के लिए सरकार से मांग की गई है. साथ ही सभी अखाड़ों से वार्ता चल रही है.

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