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करोड़ों रुपए कीमत की जमीन के फर्जीवाड़े में मां बेटे के खिलाफ मामला दर्ज, पुलिसकर्मी भी लपेटा गया

उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में जहां मां-बेटे पर करोड़ों रुपए की जमीन में खेल करने का आरोप लगा है तो वहीं पुलिसकर्मी पर मकान कब्जाने का आरोप है. दोनों ही मामलों में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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Published : Dec 31, 2022, 6:16 PM IST

हरिद्वार: सिडकुल थाना क्षेत्र में करोड़ों रुपये की जमीन के नाम पर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने मां-बेटे सहित पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं फर्जी इकरारनामा बनाकर एक पुलिसकर्मी और उसकी पत्नी पर किराये का मकान कब्जाने का आरोप लगा है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

सिडकुल थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार प्रेम शंकर गुप्ता निवासी दीप गंगा अपार्टमेंट सिडकुल ने शिकायत देकर बताया कि ग्राम सलेमपुर के प्रधान पप्पू पाटिल से वर्ष 2012 में 405 बीघा जमीन खरीदी थी, ये जमीन अनुसूचित जाति के ही किसी व्यक्ति के नाम कराई जा सकती थी. इसलिए मनीराम के नाम इसकी रजिस्ट्री कराई थी. तय हुआ था कि मनीराम के नाम खरीदकर इसकी अनुमति होने के बाद वह अपने नाम करा लेगे, इसी बीच मनीराम का निधन हो गया.

जिसके बाद उसकी पत्नी कविता, पुत्र सचिन कुमार से भूमि को ट्रांसफर कराने के लिए कहा. आरोप है कि मां-बेटे ने बार-बार कहने पर भी जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई. कुछ समय बाद मालूम हुआ कि सचिन ने ससुर रमेश उर्फ भूरा के साथ मिलकर जमीन को मनोज धनगढ़ से षड्यंत्र कर ऋषभ चौहान के नाम एग्रीमेंट कर दिया है.
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आरोप है कि जमीन किसी और को बेचने की जानकारी ली तो मां-बेटे ने गाली-गलौज की. 30 दिसंबर को रोशनाबाद जाते हुए आन्नेकी वाले रास्ते पर सचिन, उसके ससुर रमेश उर्फ भूरा ने गाली-गलौच कर मारपीट भी की. जमीन के मामले में बोलने पर हत्या कर देने की धमकी दी.

सिडकुल थाना प्रभारी प्रमोद कुमार उनियाल ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. वहीं कोतवाली ज्वालापुर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार राकेश निवासी भिल्यान पाना, खानपुर कला तहसील गोहाना, जिला सोनीपत हरियाणा ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि वर्ष 2018 में पिता के निधन के बाद उनके दस्तावेज चेक किया तो एक इकरारनामा हरिद्वार स्थित संपत्ति का मिला.

ये संपत्ति वीरपाल से वर्ष 2018 में खरीदी थीं. आरोप लगाया कि जब उसने वीरपाल से पिता के कब्जा लेने की बात पूछी तो उसने बताया कि वर्ष 2004 में नरेंद्र को किराये पर रखा था. उसने खुद को पुलिसकर्मी बताया. उसने संपत्ति का फर्जी इकरारनामा अपनी पत्नी बबीता के नाम बनवा लिया.
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पुलिस का रौब दिखाते हुए संपत्ति को खाली नहीं किया. आरोप है कि राकेश और उसका मित्र गौरीश वर्ष 1 सितंबर 2021 में हरिद्वार आए. विवेक विहार रानीपुर मोड़ स्थित पिता की संपत्ति पर पहुंचे तो यहां बबीता मिली. आरोप है कि महिला ने गाली-गलौज करते हुए हत्या करवा शव को फिकवा देने की धमकी दी. ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

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