हरिद्वारःजिस कंपनी में नौकरी दी और औद्योगिक क्षेत्र में पहचान दी, उसी कर्मचारी ने अपनी ही कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी को अंजाम दे दिया. जी हां, यह धोखाधड़ी का मामला हरिद्वार से सामने आया है. जहां विदेश से मंगाई गई रेलवे के डिस्क ब्रेक बनाने की तकनीक को एक शातिर कर्मचारी ने न केवल दूसरी कंपनी को बेच डाला, बल्कि कंपनी के कुछ कर्मचारियों को साथ लेकर नौकरी भी छोड़ गया. वहीं, कंपनी की तहरीर पर सिडकुल पुलिस ने आरोपी कर्मचारी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
सिडकुल थाना पुलिस के मुताबिक, रोहित श्रीवास्तव ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया है कि वो अवध रेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Avadh Rail Infrastructure Limited) प्लाट नंबर 10 सेक्टर 3 आईआईई सिडकुल के निदेशक हैं. उनकी कंपनी अवध रेल भारतीय रेलवे को ब्रेकिंग सिस्टम यानी डिस्क ब्रेक को तैयार कर सप्लाई करती है. बीते 15 मार्च 2018 को उनकी कंपनी का फ्रांस की कंपनी आईबीआरई के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का एमओयू हस्ताक्षरित हुआ था. जिसके तहत डिस्क ब्रेक कंपनी की ओर से तैयार की जाती है.
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रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि अत्यधिक गोपनीय और फ्रांस की कंपनी के साथ हुए एमओयू (MoU) के अनुसार पूरे भारत में उक्त ब्रेक डिस्क को निर्मित किए जाने का अधिकार केवल उनकी कंपनी अवध रेल को है. जिसका उल्लंघन किए जाने पर कंपनी के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई फ्रांस की कंपनी की ओर की जा सकती है.
उन्होने बताया कि कंपनी ने 25 जून 2018 को बहादूर सिंह निवासी कंचन नगर बीडीए रोड, खजूरी कलां हुजुर (भोपाल) को असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद पर गोपनीयता की शर्तों के आधार पर नियुक्त किया था. उनका कहना है कि आरोपी ने असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद पर रहते हुए फ्रांस की कंपनी से दी गई टेक्नोलॉजी को बिना अनुमति के समस्त गोपनीय व तथ्य नोएडा की एक प्रतिदंद्वी कंपनी को दे दी. साथ ही अब वो कंपनी डिस्क ब्रेक बनाने की तैयारी में हैं. जिसका निर्देशन खुद बहादुर सिह, प्रेम प्रकाश व सचेंद्र सिंह कर रहे हैं.