रुड़की: एक निजी होटल में संपूर्ण देश के ईंट भट्टा स्वामियों ने एक बैठक (Brick kiln owners meeting in Roorkee) का आयोजन किया. इस दौरान देश के ईंट-भट्टा स्वामियों ने पूरे देश में हड़ताल पर जाने का ऐलान (Brick kiln owners declare indefinite strike) किया. उनका कहना है कि सरकार की नीतियों के कारण भट्टा स्वामियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो रहा है. जिससे वह इस उद्योग को बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं.
अखिल भारतीय ईंट निर्माता संघ के संरक्षक चौधरी बख्तावर सिंह ने बताया कि ईंट भट्टा उद्योग वर्तमान युग की मांग है कि ईंट भट्टा साल में छह माह चलने वाला उद्योग है. ये दो से तीन करोड़ लोगों को रोजगार देता है. मगर अब ईंट उद्योगों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है. उन्होंने कहा भट्टा उद्योग के जीएसटी स्लैब में बदलाव किया गया है. जिसमें एक प्रतिशत वाले स्लैब को 5 प्रतिशत और पांच प्रतिशत वाले स्लैब को 12 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके कारण भट्टा स्वामियों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही लगातार महंगा हो रहा कोयला भी इस उद्योग के लिए परेशानी बना हुआ है.
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