हरिद्वार: धर्मनगरी कनखल स्थित सती घाट के गंगा घाट पर एक अनोखा नजारा देखने को मिला. यहां पर एक साथ लगभग 8296 लावारिस अस्थियों को गंगा मे प्रवाहित किया गया. दिल्ली की श्री देवोत्थान सेवा समिति के द्वारा पिछले 18 सालों से हजारों लावारिस लोगों की अस्थियों को गंगा मे प्रवाहित किया जा रहा है. समिति देश से ही नहीं सिंगापुर और दुबई से भी अस्थियां लाकर गंगा प्रवाहित करती हैं.
सनातन धर्म के अनुसार, मनुष्य के अंतिम संस्कार के बाद जब तक उसकी अस्थियों को गंगा मे विसर्जित नहीं किया जाता है, तब तक उसकी मुक्ति नहीं मानी जाती है. इस देश मे ऐसे अनेक लोग हैं, जिनके मरने के बाद अस्थियों को लावारिस मानकर श्मशान घाट पर ही छोड़ दिया जाता है. लेकिन, श्री देवोत्थान सेवा समिति ने इन लावारिस अस्थियों को गंगा मे विसर्जित करने का बीड़ा उठाया है. पिछले समिति बीते 18 सालों से ये काम कर रही है. देश के कई स्थानों के साथ इस बार सिंगापुर और दुबई से भी एकत्र की गई 8296 लावारिस अस्थियों को पूरे धार्मिक विधि- विधान के साथ गंगा मे प्रवाहित किया गया. श्री देवोत्थान सेवा समिति अब तक एक लाख से अधिक लावारिस लोगों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित कर चुकी है.