हरिद्वार:धर्म नगरी में हुई धर्म संसद में एक विशेष समुदाय को लेकर दिए गये भाषणों के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां पुलिस ने धर्म संसद मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश दे दिए गए हैं वहीं, कार्रवाई के लिए कई संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज भीम आर्मी ने रोशनाबाद कलेक्टर ऑफिस पर प्रदर्शन कर जितेंद्र सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) व अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है.
रोशनाबाद कलेक्टर ऑफिस पर भीम आर्मी के कार्यकर्ता भारी संख्या में प्रदर्शन के लिए पहुंचे थे. इस दौरान आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व भीम आर्मी के पूर्व अध्यक्ष महक सिंह ने बताया कि हरिद्वार में हुई धर्म संसद के मुख्य आरोपी वसीम रिजवी की एफआईआर दर्ज होने के बाद अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, इस संबंध में ये प्रदर्शन किया गया है.
भीम आर्मी का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन उनका आरोप है कि हरिद्वार में हुई तीन दिवसीय धर्म संसद में जिस तरह विशेष समुदाय को लेकर टिप्पणियां की गई थीं, उसमें एफआईआर दर्ज होने के इतने दिन बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी न होना इस बात का प्रमाण देता है कि प्रशासन आरोपियों के दवाब में कानून का पालन करने से पीछे हट रहा है जबकि धर्म संसद के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रशासन के पास ठोस सबूत मौजूद हैं.
भीम आर्मी का कहना है कि, भारत देश संविधान से चलता है और संविधान हर धर्म को बराबर मान देता है. लेकिन धर्म संसद के आरोपियों द्वारा कही गई बातें संविधान के खिलाफ हैं, ये सब मुल्क में शांति व भाईचारे के लिए सही नहीं है. भीम आर्मी ने मांग की है कि जल्द से जल्द आरोपी गिरफ्तार होने चाहिए नहीं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
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गौर हो कि ज्वालापुर पुलिस ने अबतक हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ बयान मामले में दूसरी एफआईआर दर्ज की है, जिसमें यति नरसिंहानंद गिरि समेत 9 लोगों के नाम हैं. 17 से 19 दिसंबर तक चली धर्म संसद में घृणा फैलाने वाले भाषण दिये जाने को लेकर नदीम अली की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है.
एफआईआर में आयोजक यति नरसिंहानंद गिरि, जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी), सिंधु सागर, धर्मदास परमानंद, साध्वी अन्नपूर्णा, आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चह्वाण और प्रबोधानंद गिरि के नाम हैं. रविवार को दर्ज एफआईआर को ज्वालापुर थाने से शहर के थाने में ट्रांसफर कर दिया गया, जहां इस मामले की पहली एफआईआर दर्ज है.मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी हो चुका है.