हरिद्वार/काशीपुर: गन्ना आयुक्त कार्यालय पर बीते 6 दिनों से अपनी कई मांगों को लेकर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के किसानों ने शनिवार शाम समाप्त अपने आंदोलन समाप्त कर दिया है. पूर्व काबीना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के आश्वासन के बाद किसानों ने धरना समाप्त किया. मांगे माने जाने पर किसानों ने स्वामी यतीश्वरानंद के कार्यकाल को ऐतिहासिक बताते हुए आभार जताया.
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के किसानों एवं पदाधिकारियों की मांगे मनवाते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने 6 दिनों से चल रहे सहायक गन्ना आयुक्त कार्यालय हरिद्वार पर धरने को समाप्त करा दिया. उन्होंने गन्ना तौल केंद्रों की पिछले साल की व्यवस्था बहाल करवाते हुए, लिब्बरहेड़ी चीनी मिल की घटतौली की जांच कराकर तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया.
उन्होंने कहा गन्ने का उचित मूल्य घोषणा कराने के लिए किसानों का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलवाने की बात कही. मांगे माने जाने पर किसानों ने स्वामी यतीश्वरानंद के कार्यकाल को ऐतिहासिक बताते हुए आभार जताया. किसानों ने बताया कुछ गन्ना चीनी मिलों की हठधर्मिता के चलते हुए दूसरे दूसरे चीनी मिलों के गन्ना तौल केंद्र नहीं लगने दिए हैं, वे एक जिले में दो तरह की व्यवस्था के खिलाफ थे.
पढ़ें-UKSSSC पेपर लीक: जमानत मिलने वाले 7 गैंगस्टर के खिलाफ HC पहुंची STF, निजी अधिवक्ता ने शुरू की पैरवी
खासकर लिब्बरहेडी चीनी मिल के तौल केंद्र दूसरी मिल के क्षेत्र में लगाए जाने से अन्य चीनी मिल बंद होने के कगार पर है. इस व्यवस्था को समाप्त कराते हुए स्वामी यतीश्वरानंद ने गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा से बातकर कार्रवाई कराईं. गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी ने गन्ना मूल्य घोषित कराने की मांग उठाई तो स्वामी ने किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलाकर उचित मूल्य दिलवाने का आश्वासन दिया. किसानों ने लिब्बरहेडी चीनी मिल पर घटतौली का अरोप लगाया तो स्वामी यतीश्वरानंद ने सहायक गन्ना आयुक्त को क्रय केंद्रों की मौके पर पहुंचकर जांच कराकर कार्रवाई के लिए कहा. उन्होंने बताया पिछले कार्यकाल में गन्ना मूल्य उत्तर प्रदेश से पांच रुपये अधिक और गन्ना ढुलाई में डेढ़ रूपये कटौती कराने का काम किया गया.
काशीपुर में आज किसान संगठनों के तत्वाधान में उप जिलाधिकारी कार्यालय में दर्जनों की संख्या में किसानों ने एकत्रित होकर प्रदर्शन किया. इस दौरान एकत्रित किसानों ने दो सूत्रीय मांगों को लेकर उपजिलाधिकारी की अनुपस्थिति में काशीपुर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा.
दरअसल, उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीलिंग की जमीन वापस लेने के आदेश के नोटिस के बाद किसानों ने बरखेड़ा पांडे गांव में बीते दिनों एक महापंचायत का आयोजन किया. इस महापंचायत में किसान नेताओं के साथ साथ भारतीय किसान यूनियन के नेता एवं किसान आंदोलन के मुख्य सूत्रधार रहे राकेश टिकैत ने भी शिरकत की थी.सरकार से किसानों की जमीने वापस किये जाने की मांग की. इस सभा मे उधम सिंह नगर के सभी बड़े किसान नेताओं ने आकर प्रशासन से जमीने वापस करने की मांग रखी. वहीं, 13 किसान जिनकी जमीने सरकार द्वारा वापस ली जा रही हैं, उन्होंने पिछले 25 नवंम्बर से चल रहे धरने को बीती 2 दिसम्बर से भूख हड़ताल में तब्दील करने का निर्णय लिया. तब से लगातार चल रही भूख हड़ताल के बाद आज भारतीय किसान यूनियन समेत अन्य किसान संगठनों के तत्वाधान में दर्जनों किसान आज काशीपुर उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. इस दौरान किसानों ने एस्कॉर्ट में मिली जमीनों और बरखेडा पांडे में किसानों को उनका मालिकाना हक दिए जाने की मांग को लेकर उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह की अनुपस्थिति में तहसीलदार युसूफ अली को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.