उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

निकिता मर्डर पर बोले बाबा रामदेव, ऐसे लोगों को दें सरेआम फांसी - निकिता लव जिहाद मामला

बाबा रामदेव ने कहा कि लव जिहाद के नाम पर जिस तरह से बेटियों और महिलाओं की हत्या हो रही है वो बड़ा निंदनीय है. इस तरह का कृत्य करने वाले लोगों को सरेआम फांसी दी जानी चाहिए.

Swami Ramdev
बाबा रामदेव

By

Published : Oct 29, 2020, 5:14 PM IST

हरिद्वार:हाल ही में हरियाणा के फरीदाबाद में हुई निकिता की हत्या के मामले में योग गुरु बाबा रामदेव का बयान आया है. उन्होंने इस तरह की वारदातों को दरिंदगी की पराकाष्ठा बताया है. साथ ही उन्होंने ऐसे लोगों को सरेआम फांसी देने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के जिम्मेदार लोगों को ऐसी घटनाओं की निंदा करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि लव जेहाद के नाम पर सरेआम निकिता की गोली मारकर हत्या की गई है. लव जिहाद के नाम पर निकिता जैसी बेटियों और अन्य महिलाओं की हत्याओं का दौर चल रहा है, जो बेहद शर्मनाक है. मजहब बदलने के नाम पर इस तरह की घटनाएं दरिंदगी की पराकाष्ठा है. देश के सभी मुस्लिम धर्म गुरुओं को इन घटनाओं की खिलाफत करनी चाहिए. ऐसी वारदातों को अंजाम देने वाले गुंडों, शैतानों और हैवानों के खिलाफ सख्त कानून बनना चाहिए. ऐसे लोगों को सरेआम चौराहे पर फांसी देनी चाहिए.

पढ़ें-सीएम त्रिवेंद्र के खिलाफ सीबीआई जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई

बाबा रामदेव ने सांसद साध्वी प्रज्ञा के उस बयान का भी समर्थन किया है, जिसमें सांसद प्रज्ञा ने कांग्रेस के कई बड़े नेताओं पर भगवा आतंकवाद के नाम पर धर्म को बदनाम करने का आरोप लगाया था. हालांकि उन्होंने राजनीति में व्यक्तिगत आरोप से राजनेताओं को बचने की नसीहत भी दी है.

उन्होंने कहा कि भगवा का संबंध न कभी आतंकवाद से था, न है और न कभी होगा. भगवा की जड़ें अहिंसा में हैं. अगर कोई भी हिंदू आतंकवाद का कलंक हिंदू धर्म के माथे पर लगाना चाहता है तो उसको हमेशा मुंह की खानी पड़ेगी.

पढ़ें-लक्सर में प्रेमी युगल ने खाया जहर, प्रेमिका की हुई मौत

रामदेव ने विश्वभर के तमाम बड़े मुस्लिम धर्म गुरुओं से अपील की है कि उन्हें आगे आकर उन लोगों के मंसूबों को ध्वस्त करना चाहिए जो कट्टरवाद फैला कर पूरी दुनिया में इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं. ऐसे लोगों का अगर खत्मा नहीं हुआ तो एक दिन इस्लाम भी इससे खतरे में आ जाएगा. इस्लाम को खतरा दूसरे धर्मों से नहीं बल्कि उन्हीं के धर्म में मौजूद कट्टरवादी और आतंकवादियों से है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details