देहरादून/हरिद्वार :पतंजलि योगपीठ ने कोरोनिल नाम से कोरोना ठीक करने की दवा बनाने का दावा किया है. पतंजलि का दावा है कि दवा को पूरी रिसर्च से तैयार किया गया है. बाबा रामदेव ने आज हरिद्वार में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि दवा का 280 लोगों पर प्रयोग किया गया. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ मिलकर पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिसर्च के बाद ये दवा बनाने का दावा किया गया है.
बाबा रामदेव ने कोरोना की दवा कोरोनिल बनाने का किया दावा. गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा और श्वसारि रस से बनाई दवा
ये दवा गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी और श्वसारि रस से बनाई गई है. बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोना की ये दवा पूरी तरह वैज्ञानिक तथ्यों पर और रिसर्च पर आधारित है.
ये भी पढ़ें: प्रदेश में 2402 पहुंचा संक्रमितों का आंकड़ा, 1521 मरीजों ने जीती 'जंग'
दवा से 7 दिन में 100 फीसदी मरीज ठीक होने का दावा
बाबा रामदेव ने दावा किया कि इस दवा से 7 दिन में 100 फीसदी मरीज ठीक हो गए. उन्होंने कहा कि कोरोना की दवा के दो ट्रायल किए गए. इसका रिजल्ट 100 फीसदी पाया गया. दवा का प्रयोग 280 लोगों पर किया गया.
क्लीनिकल कंट्रोल के लिए सीटीआरआई का अप्रूवल लिया
बाबा रामदेव ने कहा कि क्लीनिकल कंट्रोल के लिए सीटीआरआई का अप्रूवल लिया गया. उन्होंने कहा कि तीन दिन में 69 मरीज ठीक हुए. सात दिन के अंदर 100 फीसदी मरीज ठीक हुए. कोरोनिल लॉन्च करते हुए बाबा ने एलोपैथी पर चुटकी लेते हुए कहा कि उनकी रिसर्च से एलोपैथी वालों को ईर्ष्या हो सकती है.
ये भी पढ़ें: कोरोना काल में हरड़ का प्रयोग लाभदायक, बाजार में बढ़ी डिमांड
आम जड़ी-बूटियों से बनी दवा
बाबा रामदेव ने कहा कि जो पूरी दुनिया नहीं कर पाई उसे हिमालय में भटकने वाले भगवाधारियों ने कर दिखाया. बाबा ने कहा कि हमले कोरोनिल आम जड़ी-बूटियों गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, गोदंति और श्वासरी रस से बनाई है. क्लीनिकल ट्रायल में एक भी मरीज की मौत नहीं हुई.
अगले सोमवार को लॉन्च होगा 'ऑर्डर मी एप'
बाबा रामदेव ने कहा कि अगले सोमवार को हम 'ऑर्डर मी एप' लॉन्च करेंगे. लोगों को कोरोना ठीक करने की दवा घर बैठे इस एप पर ऑर्डर करने से मिल जाएगी.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के चांसलर डॉ. बलबीर सिंह तोमर ने कहा कि कोरोनिल बनाने में वैश्विक पैरामीटर का पूरा ख्याल रखा गया. इसमें 500 मिली अश्वगंधा, 1000 मिली गिलोय और 500 मिली तुलसी का मिश्रण है. 15 से 65 साल के 280 मरीजों पर इसका ट्रायल किया गया. 100 प्रतिशत रोगियों को इस दवा से लाभ मिला.