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10 अगस्त से फिर अनशन की राह पर मातृ सदन, विचाराधीन मामलों में SIT जांच की मांग - विचाराधीन मामलों की सुनवाई के लिए अनशन

मातृ सदन के शिष्य आत्मबोधानंद फिर से अनशन शुरू करने जा रहे हैं. मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि सदन के दर्जनों केस ऐसे हैं जिन पर अभी तक सुनवाई भी शुरू नहीं हुई है. इसके लिए मातृ सदन के शिष्य आत्मबोधानंद आगामी 10 अगस्त से अनशन शुरू करेंगे.

Haridwar
हरिद्वार

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Published : Jul 30, 2021, 6:44 PM IST

Updated : Jul 30, 2021, 6:57 PM IST

हरिद्वारःपिछले डेढ़ दशक से गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए कार्य करने वाली सामाजिक संस्था मातृ सदन अब एक बार फिर अनशन की राह पर है. इस बार यह अनशन किसी नई मांग को लेकर नहीं, बल्कि मातृ सदन द्वारा पहले से लड़े जा रहे विचाराधीन मामलों को लेकर किया जाएगा. इसी के तहत मातृ सदन के शिष्य आत्मबोधानंद अनशन करेंगे.

अनशन शुरू करने से पहले मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि मातृ सदन के दर्जनों केस ऐसे हैं जिन पर अभी तक सुनवाई भी शुरू नहीं हुई है. इसके लिए मातृ सदन आगामी 10 अगस्त से अनशन शुरू करने जा रहा है.

10 अगस्त से आत्मबोधानंद का अनशन

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उन्होंने कहा कि मातृ सदन हमेशा से ही अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहा है. इसके तहत स्वामी निगमानंद और स्वामी सानंद जैसे प्रमुख संतों ने अपनी जान भी गंवाई, लेकिन अभी तक मामलों पर कोई सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने मांग की है कि उनके सभी मामलों पर एसआईटी गठित की जाए. जिसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के जज द्वारा की जाए. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, मातृ सदन द्वारा 10 अगस्त से जारी होने वाला अनशन लगातार जारी रहेगा.

क्या होती है एसआईटी

एसआईटी का मतलब होता है Special Investigation Team. इसे आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और केंद्र तथा राज्य सरकारें गठित करती हैं. इसमें अवकाश प्राप्त न्यायाधीश और कुछ विशेषज्ञ रखे जाते हैं. इसे ऐसी विशेष जांच एजेंसी माना जाता है, जो किसी भी दबाव में आए बगैर हाई प्रोफाइल मामलों या लोगों के खिलाफ जांच का काम कर सकती है.

Last Updated : Jul 30, 2021, 6:57 PM IST

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