हरिद्वार:हर साल 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया जाता है. यह दिन समाज को नशा मुक्त करने के उद्देश्य से मनाया जाता है. ईटीवी भारत आज आपको उत्तराखंड की ऐसी दो तेजतर्रार महिला अफसरों के बारे में बताने जा रहा है, जिनके सड़क पर निकलते ही ड्रग और मेडिकल माफिया में हड़कंप मच जाता है. हम बात कर रहे हैं हरिद्वार की ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती और सब इंस्पेक्टर एसटीएफ प्रियंका भारद्वाज की.
कौन हैं अनीता भारती ?
अनिता भारती कुमाऊं के बेरीनाग की रहने वाली हैं. नैनीताल से पढ़ाई के बाद उनकी शादी डॉक्टर कपिल देव से हुई. कपिल देव भी इस वक्त सहारनपुर में बतौर सीएससी पद पर तैनात हैं. उनके दो बच्चे हैं, जिनमें एक बेटी और एक बेटा है. अनीता भारती बतौर ड्रग इंस्पेक्टर पिछले दो साल से हरिद्वार जिले में अपनी सेवा दे रही हैं. अनीता के काम करने का तरीका बिल्कुल अलग है. वो बेखौफ होकर किसी की परवाह किए बिना ही चेकिंग करने निकल जाती हैं.
देती हैं सुधरने का मौका
अनीता भारती चेकिंग के दौरान मेडिकल संचालकों को उनकी खामियों को ठीक करने का मौका भी देती हैं, मगर उसके बाद भी कोई मेडिकल संचालक नहीं मानता, तो मेडिकल स्टोर सील तक कर देती हैं.
अनीता भारती, ड्रग इंस्पेक्टर, हरिद्वार. पढ़ें-अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस: नशे के मामले में सबसे आगे निकला नैनीताल जिला, पढ़ें पूरी खबर
ड्रग माफिया में खौफ
हरिद्वार में मेडिकल संचालकों को अनीता भारती का लगातार डर बना हुआ है. अनीता भारती ने हरिद्वार के जाने माने बंगाली हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर में कार्रवाई कर एक दिन के लिए सील किया था, जिससे खलबली मच गई थी.
अनीता भारती के नक्शे कदम पर चलती हैं प्रियंका भारद्वाज
इसके साथ ही इनके नक्शे कदम पर प्रियंका भारद्वाज भी चलती हैं जोकि हरिद्वार में सब इंस्पेक्टर एसटीएफ हैं. वह भी अनीता भारती के काम करने के तरीके से प्रभावित होकर इन्हीं की राह पर निकल पड़ी हैं. प्रियंका भारद्वाज भी अनीता भारती के साथ मिलकर हॉस्पिटल और मेडिकल स्टोरों पर लगातार कार्रवाई कर रही हैं. कोविड काल में भी इस जोड़ी ने कई मेडिकल स्टोर और अस्पतालों का निरीक्षण किया.
प्रियंका भारद्वाज, सब इंस्पेक्टर एसटीएफ. पढ़ें- India Smart City Award 2020: देहरादून स्मार्ट सिटी को दो श्रेणियों में मिला सम्मान
प्रियंका भारद्वाज बताती है कि वह अनीता भारती के साथ कार्य करके अच्छा महसूस करती हैं. क्योंकि वह भी अपने कार्य के प्रति ईमानदार हैं. अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के मौके पर उन्होंने कहा कि वह अपना काम ईमानदारी से करती हैं. उनको इस काम के लिए विभाग द्वारा सैलरी दी जाती है. ऐसे में जनता की सेवा करना उनका फर्ज है.
प्रियंका भारद्वाज ऋषिकेश की रहने वाली हैं. ऋषिकेश और श्रीनगर से पढ़ाई के बाद साल 2010 में शादी हो गई. उनकी एक बेटी है. वो अपने काम के साथ-साथ परिवार की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही हैं. प्रियंका भारद्वाज के पति मनोज भारद्वाज भी उत्तराखंड पुलिस में एसआई पद पर तैनात हैं.
दोनों हैं लेडी सिंघम
ये दोनों महिलाएं दिन रात ड्यूटी दे रही हैं. कोरोना काल में अबतक लगभग 1 हजार से अधिक मेडिकल स्टोर्स पर विजिट और 7 से अधिक लोगों को जेल भेज चुकी है. प्रियंका भारद्वाज ने हाल ही में उत्तराखंड में सबसे बड़ी स्मैक की खेप भी पकड़ी थी.