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हरियाली यात्राः 'हरि' और 'अली' देंगे पर्यावरण बचाने का संदेश

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि और जमीयत उलेमा ए हिंद के सचिव मौलाना सैयद असद महमूद मदनी के नेतृत्व में अमन एकता हरियाली यात्रा निकाली जा रही है. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य वृक्षारोपण करके चारों और हरियाली फैलाना है.

राष्ट्रपति भवन तक निकाली जाएगी अमन एकता हरियाली यात्रा.

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Published : Aug 25, 2019, 6:18 PM IST

Updated : Aug 25, 2019, 8:56 PM IST

हरिद्वार/ऋषिकेश: हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में ऋषिकेश से राष्ट्रपति भवन तक अमन एकता हरियाली यात्रा निकाली जा रही है. ये यात्रा हरिद्वार के उपनगर ज्वालापुर स्थित मदरसा पहुंची. इस यात्रा का उद्देश्य पर्यावरण को बचाने का संदेश देना है. वहीं, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि और जमीयत उलेमा ए हिंद के सचिव मौलाना सैयद असद महमूद मदनी के नेतृत्व में शुरू हुई यात्रा में बड़ी संख्या में साधु-संत और मौलाना ने भाग लिया, जहां लोगों ने यात्रा का भव्य स्वागत किया.

हरियाली यात्राः 'हरि' और 'अली' देंगे पर्यावरण बचाने का संदेश.

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ऋषिकेश से दिल्ली तक मदरसे, गुरुकुल और हॉस्पिटल सहित कई सार्वजनिक क्षेत्रों में वृक्षारोपण कर पर्यावरण के लिए लोगों को जागरूक करना है. अमन एकता हरियाली यात्रा में बड़ी संख्या में साधु संतों ने भी शिरकत की.

यात्रा की अगुवाई कर रहे चिदानंद मुनि ने बताया कि ये यात्रा हर दिल की यात्रा है और इस यात्रा के माध्यम से मदरसों, गुरुकुलों और अस्पतालों के साथ जितनी भी सार्वजनिक जगह है, वहां पर वृक्षारोपण किया जाएगा. देश में हरियाली और खुशहाली लाने के लिए सबसे पहले हरी और अली को मानने वाले को साथ मिलकर काम करना पड़ेगा. इससे हरियाली भी रहेगी और खुशहाली भी रहेगी.

जल संरक्षण के लिए लगाने होंगे पौधे

इस यात्रा का उद्देश्य है कि जल बचे तभी जीवन बचेगा और जल तभी बचेगा जब हम हर जगह पौधे लगाएंगे. इस यात्रा में जमीयत उलेमा ए हिंद भी भागीदार है, जिन्होंने 100 साल तक देश की सद्भावना के लिए काम किया है.

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना सैयद असद महमूद मदनी ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है कि हमें जमीन को बचाने के साथ ही पानी को भी बचाना है. देश को एक ऐसा भविष्य देना है कि अगली पीढ़ी खुशहाली और हरियाली का आनंद उठा सके.

हरियाली में है हरि और अली का वास
अमन एकता हरियाली यात्रा वृक्षारोपण करके समाज में सद्भावना का संदेश देगी. हरियाली में हरी और अली दोनों का वास है, इसलिए वृक्षारोपण करके चारों और हरियाली फैलाकर हिंदू और मुसलमानों को एक करना इस यात्रा का उद्देश्य है. ये यात्रा ऋषिकेश से गंगा के पावन तट परमार्थ निकेतन से शुरू होकर दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में समाप्त होगी.

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यात्रा के दौरान किया गया कई जगह पौधारोपण

इस यात्रा के दौरान हरिद्वार-ज्वालापुर में 730 पौधे, सहारनपुर में 1900 पौधे, घोड़ेवाला, पुरकाजी, बरला, छपार, बागोवाला, मुजफ्फरनगर में 2137 पौधे, शामली में 600, रुड़की और देवबन्द में 890 पौधों का रोपण किया गया है. आम, अशोक, तुन नीम, कदम, गुलमोहर, जामुन, अमरूद, शीशम, आंवला, लिपटस, गुड़हल, बोतल बाम, पहाड़ी तुन आदि पौधों के साथ ही छायादार और फलदार पौधों का रोपण किया गया.

इस यात्रा के दौरान लोगों का जागरूक किया गया कि एक वृक्ष, एक वर्ष में 3 किलो कार्बनडाई ऑक्साइड सोखता है. साथ ही तीन प्रतिशत तापमान कम करता है और जमीन के कटाव को रोकता है. प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन काल में कम से कम सात वृक्षों का रोपण अवश्य करना चाहिये.

Last Updated : Aug 25, 2019, 8:56 PM IST

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