रुड़की: जहां एक तरफ कोरोना का कहर लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है, वहीं बरसात शुरू होते ही डेंगू का डर भी लोगों को सताने लगा है. देश के कई इलाकों से डेंगू फैलने की खबरें सामने आने लगी हैं. ऐसे में स्वास्थ्य महकमे पर दोहरी जिम्मेदारी है. एक तरफ कोरोना से निपटना है तो दूसरी तरफ डेंगू को खत्म करना है.
कोरोना के साथ डेंगू ने बढ़ाई चिंता बता दें कि, पिछले साल रुड़की और मंगलौर क्षेत्र के कई गांवों में सैकड़ों लोगों में डेंगू का असर देखने को मिला था. पिछले साल डेंगू से हालात बद से बदतर हो गए थे. कई जिंदगियां डेंगू के डंक से मौत की आगोश में सो गई थीं. डेंगू पीड़ित मरीजों के उपचार में स्वास्थ्य विभाग के पसीने छूट गये थे. इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग कोरोना के साथ-साथ अब डेंगू को लेकर भी अलर्ट दिखाई दे रहा है.
डॉक्टरों की मानें तो डेंगू के बारे में सबसे खास बात यह है कि इसके मच्छर दिन के समय काटते हैं. इसका मच्छर साफ पानी में पनपता है. बड़ों के मुकाबले यह बच्चों में ज्यादा तेजी से फैलता है. डेंगू के दौरान यदि तुरंत उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है. क्योंकि डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स का स्तर बहुत तेजी से गिरता है, जिससे कई बार अंदरूनी रक्तस्राव होने की आशंका रहती हैं.
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चिकित्सा अधीक्षक विवेक तिवारी का कहना है कि डेंगू से बचने के लिए जागरूक होना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि ध्यान रखना है कि कहीं भी पानी इकट्ठा ना होने दें. कोरोना के चक्कर मे लोग डेंगू को ना भूलें. इसीलिए सबको जागरूक रहने की आवश्यकता है.