हरिद्वार: 'हर-हर शंभू' गाने (Har Har Shambhu Song) वाली फरमानी नाज का कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम धर्मगुरुओं ने विरोध किया तो अब कुछ हिंदू धर्मगुरु उसके समर्थन में उतर आए हैं. फरमानी नाज का कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने विरोध किया तो वहीं हिंदू धर्म के साधु–संत फरमानी नाज (Har Har Shambhu Singer Farmani) के समर्थन में आ गए हैं. साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) ने फरमानी नाज के धार्मिक गाने का प्रोत्साहन किया है.
गौर हो कि इन दिनों 'हर-हर शंभू' गाना सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. देवबंद के उलेमा ने फरमानी नाज के गाए 'हर हर शंभू' भजन को लेकर कहा कि यह शरीयत के खिलाफ है. वहीं फरमानी नाज का कुछ कट्टर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने विरोध किया तो वहीं हिंदू धर्म के साधु–संत फरमानी नाज के समर्थन में आ गए हैं. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि कर्म का कोई धर्म नहीं होता और धर्म से भी बड़ा इंसान का कर्म होता है.
पढ़ें-IAS रणवीर चौहान ने गाया हिमाचली गाना, सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा वायरल
जिसके चलते सबको इस गाने का समर्थन करना चाहिए. अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरु द्वारा इस धार्मिक गाने के विरोध को निंदनीय बताया है. रविंद्र पुरी ने कहा कि इससे पहले भी मोहम्मद रफी साहब ने कई भजन गाए हुए हैं, लेकिन तब इस तरह की कोई बातें नहीं आई. लेकिन अब जब इस बच्ची ने भगवान भोलेनाथ का भजन गाकर धर्म का प्रचार प्रसार किया है तो मूल्यों को दिक्कत होने लग गई है. इसलिए उन्होंने फतवा जारी किया है, जिसकी अखाड़ा परिषद और हम सब साधु-संत निंदा करते हैं.
बता दें कि कांवड़ यात्रा के दौरान धार्मिक भजन गीत गाने पर यूट्यूब गायिका फरमानी नाज़ अब उलेमाओं के निशाने पर आ गई हैं. उलेमाओं ने फरमानी नाज को गैर इस्लामिक कार्यों से परहेज करने की चेतावनी दी है. हालांकि फरमानी नाज का कहना है कि उन्होंने इस हिंदू धर्म से जुड़े भजनों को बतौर कलाकार गाया है.