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अखाड़ा परिषद का बयान- मुस्लिम अब अल्पसंख्यक नहीं, लागू हो यूनिफॉर्म सिविल कोड

नरेंद्र गिरि ने कानून बनाकर पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग की है. इसके लिए अखाड़ा परिषद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेगा.

Akhara Parishad
अखाड़ा परिषद का बयान

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Published : Aug 28, 2020, 4:51 PM IST

हरिद्वार: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने प्रयागराज में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी का विरोध किया है. इसके साथ ही नरेंद्र गिरि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की मांग की है.

हरिद्वार में नरेंद्र गिरि ने भारत के मुसलमान अल्पसंख्यक नहीं रह गए हैं. ऐसे अखाड़ा परिषद केंद्र सरकार से अल्पसंख्यक दर्जे को खत्म करने और पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग करता है. नरेंद्र गिरि ने कहा कि मुस्लिम समुदाय द्वारा हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की जा रही है. अब यह बर्दाश्त के बाहर होता जा रहा है, इसलिए सरकार को इस मामले में गंभीरता से सोचना पड़ेगा और कड़े कानून बनाकर व्यवस्था बनानी पड़ेगी. ऐसे में देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू करना अति आवश्यक है. ऐसे में अखाड़ा परिषद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख रहा है और उनसे मुलाकात कर समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की मांग कर रहा है.

देश में लागू हो यूनिफॉर्म सिविल कोड- अखाड़ा परिषद

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समान नागरिक संहिता कानून क्या है

समान नागरिक संहिता एक पंथनिरपेक्ष कानून होता है. जो सभी धर्मों के लोगों के लिए समान रूप से लागू होता है. यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से हर मजहब के लिए एक जैसा कानून आ जाएगा. फिलहाल, मुस्लिम, ईसाई और पारसी समुदाय का पर्सनल लॉ है.

जबकि, हिन्दू सिविल लॉ के तहत हिन्दू, सिख, जैन और बौद्ध आते हैं. संविधान में समान नागरिक संहिता को लागू करना अनुच्‍छेद-44 के तहत राज्‍य की जिम्‍मेदारी बताया गया है, लेकिन ये आज तक देश में लागू नहीं हो पाया. इसे लेकर एक बड़ी बहस चलती रही है.

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