ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में अभी तक कोरोना संक्रमण के कुल 4 मामले सामने आ चुके हैं. ऋषिकेश एम्स में हल्द्वानी से ब्रेन स्ट्रोक से ग्रसित मरीज में भी इलाज के दौरान कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी. वहीं, एक स्टॉफ नर्स में कोरोना वायरस का मामला सामने आने के बाद अस्पताल पर कोरोना संक्रमण फैलाने के आरोप लग रहे हैं.
ऋषिकेश एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने की खास अपील. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच भी अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. एम्स ऋषिकेश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के अलावा अन्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है.
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एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि कोरोना संक्रमित रोगियों के इलाज के दौरान नर्सिंग स्टाफ में संक्रमण फैला है. प्रदेश में कोरोना हॉटस्पॉट बन चुके रुड़की और हल्द्वानी जैसे इलाकों से आ रहे मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है. ऐसे समय में अस्पताल को जिम्मेदार ठहराने के बजाए मरीजों का इलाज करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोत्साहित करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि एम्स में कोविड-19 टेस्टिंग में पॉजिटिव आए मरीजों के लिए कुछ लोग एम्स संस्थान पर कोरोना फैलाने का गलत आरोप लगाकर दुष्प्रचार कर रहे हैं. जबकि अस्पताल में इलाज कराने आये दो कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के दौरान नर्सिग ऑफिसर्स संक्रमित हुए हैं.