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हरिद्वार में अवैध मजार पर चला पीला पंजा, गोविंदपुरी में अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम का विरोध, जमकर हुई बहस

Encroachment removed in Haridwar ज्वालापुर क्षेत्र की खन्ना नगर कॉलोनी में एक मकान के पीछे बनी अवैध मजार को प्रशासन ने ध्वस्त किया है. बताया जा रहा है कि मजार कई दशक पुरानी थी. कार्रवाई के दौरान प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी और भारी पुलिस बल तैनात रहा.

Encroachment removed in Haridwar
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 16, 2023, 5:42 PM IST

Updated : Dec 16, 2023, 7:24 PM IST

हरिद्वार में अवैध मजार पर चला पीला पंजा

हरिद्वार: उत्तराखंड में अवैध कब्जों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में ज्वालापुर क्षेत्र की खन्ना नगर कॉलोनी में एक मकान के पीछे बनी अवैध मजार को ध्वस्त किया गया है. वहीं, जब मजार को ध्वस्त किया जा रहा था, तब गली में लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई थी. कार्रवाई के दौरान प्रशासन की टीम ने अंदर रखी धार्मिक किताब और अन्य सामान को अपने कब्जे में ले लिया था. कोई अप्रिय घटना ना हो, इसलिए मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था. फिलहाल प्रशासन की टीम ने स्ट्रक्चर को हटाकर भूमि को नगर निगम के सुपुर्द कर दिया है.

हरिद्वार प्रशासन ने मजार की ध्वस्त:एसडीएम अजय वीर सिंह ने बताया कि आज खन्ना नगर में बनी एक अवैध धार्मिक स्ट्रक्चर को प्रशासन ने हटाया है. इससे पहले इन्हें खुद ही धार्मिक स्ट्रक्चर हटाने के लिए कहा गया था, लेकिन इन्होंने नहीं हटाया था. जिसके बाद आज प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि ज्यादातर अवैध धार्मिक स्ट्रक्चर हरिद्वार से हटा दिए गए हैं, लेकिन अभी फिलहाल चार धार्मिक स्ट्रक्चर बचे हुए हैं. जिनसे पत्राचार चल रहा है. वहीं, अगर वह अपने साक्ष्य दिखाने में सक्षम रहते हैं तो ठीक है, वरना उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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पॉश कॉलोनी गोविंदपुरी में लोगों ने किया विरोध:वहीं, दूसरी ओर पॉश कॉलोनी गोविंदपुरी में बने कमंडल वाले बाबा के सिद्ध पीठस्थल को हटाने पहुंची प्रशासन की टीम को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. ऐसे में एसडीएम ने सिद्ध पीठ से जुड़े लोगों को एक हफ्ते में रीति रिवाज के साथ सिद्ध पीठ को हटाने का समय दिया है. वहीं, अगर एक हफ्ते में अतिक्रमण न हटाया गया, तो प्रशासन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा. इसी बीच प्रशासन और लोगों के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली. बता दें कि उत्तराखंड हाई कोर्ट का एक आदेश था. जिसमें अवैध धार्मिक स्ट्रक्चर को हटाने के लिए कहा गया था. जिसके तहत यह कार्रवाई की गई है.

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Last Updated : Dec 16, 2023, 7:24 PM IST

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